गुरुवार, 6 अगस्त 2009

कार्टून :- सितार का डंडा और अंडे का फंडा...

15 टिप्‍पणियां:

  1. साहित्यकार बन सकता है क्या??

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  2. बात तो कुछ-कुछ सही सी लग रही है

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  3. तभी तो हम भी कहें कि हम बडे लेखक क्यों नहीं बन पा रहे हैं हा हा हा बडिया

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  4. बच्चे की शुरूआत ही गलत हो गई, अब भविष्य क्या खाक बनेगा.....उस्ताद ने सही सलाह दी.

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  5. उच्च कोटि का ब्लोगेर बन सकता है, नाम के आखीर में 'लाल' या 'रामपुरिया' या 'बवाल' लगा ले तो..
    हा हा हा हा हा

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  6. बहुत ही सही .....इसे कहते है उस्तादो की उस्तादी.....खुब......बधाई

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  7. चलिये कोई बात नही. बडा होकर ताऊ तो बन ही जायेगा.:)

    रामराम.

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  8. हाय, अब क्या हो? अब बच्चे का ब्लॉग खुलवा दो!

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  9. अब इतने गुणी लोग जो कह रहे हैं उसे तो मानना ही पड़ेगा. एक ब्लाग असली ताऊ या असली समीर मैं ही हूं करके बनाता हूं.

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  10. बात तो सही है, पर यह बहन जी बच्चे का भविष्य बिगाड़ने पर क्यों लगी हैं? राजनीतिबाज, एक्टर, क्रिकेटर न जाने कितने सुनहरे भविष्य वाले व्यवसाय पड़े हैं चुनने को. बहुत अच्छा कार्टून है.

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  11. ओर कुछ बने न बने लेकिन खैर "पप्पू" तो जरूर बन ही जाएगा:)

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  12. अदा जी
    तश्‍तरी, प्‍लेट, छुरी, कांटा
    कटोरी, चमचा, कड़छी, तवा
    बेलन, परात, गिलास
    लगाए और कार, गर
    का कारगर मोह हटाए
    तो जरूर सफलता मिलेगी

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