शेफाली जी से सहमत हूं अपनी आजादी दूसरों के यहां जाकर मनाओगे तो लानत मलामत ही करवाओगे आजादी अपने यहां मनाओ दूसरों को उनके यहां मनाना अच्छा नहीं लगता है वे अपनी आजादी तो चाहते हैं पर आपकी सिर्फ और सिर्फ बरबादी चाहते हैं।
Brother very imaginative cartoons,you have a great talent.I am a old time lover of comics and cartoons,read your cartoons in Lotpot also. It is pleasing to go through your cartoons.
अमेरिका वालों से यही चूक हो गई है । हम तो इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि अमेरिका में ऐसे लोगों को नौकरी पर कैसे रख लिया गया जो शाहरुख खान को नहीं जानते ।
अब अगर शाहरुख खान, जिन्हें ग्यारह मुल्कों की पुलिस जानती है, को अमेरिका वाले नहीं पहचानते तो स्वत: ही महान मुल्कों की लिस्ट में अमेरिका का नाम नीचे खिसककर बारहवें स्थान पर तो कम से कम आ ही जाना चाहिये । हमारे विचार से बेचारे अमेरिका के लिए इतनी सजा काफी है अब शाहरुख अमेरिका को माफ कर दें तो हमें कोई आपत्ति न होगी
सुबह से खबर पढने के बाद से सोच रही थी की जब खून का बदला खून होता है तो बेइजती का बदला बेइजती क्यूँ नहीं ...आपकी कार्टून पढने के बाद कहने का मौका भी मिल गया ....मेहरबानी ...शुक्रिया
अरे महराज आप समझे नहीं..शाहरुख़ को एतना नजदीक से छू-छू के देखने का मौका कहाँ से मिलता भाई...तो फायेदा उठा रहे थे ...जनम तर गया नू...... अजी ऐसा mauka फिर कहाँ मिलेगा.. शाहरुख़ ऐसा फंसा कहा मिलेगा और विवेक भाई ग्यारह मुल्को की पुलिस डान को धुंध रही है शाहरुख़ को नहीं
अब स्वतंत्रता दिवस मानाने अमेरिका जाओगे .
जवाब देंहटाएंतो और क्या पाओगे ?
शेफाली जी से सहमत हूं
जवाब देंहटाएंअपनी आजादी दूसरों के यहां जाकर मनाओगे
तो लानत मलामत ही करवाओगे
आजादी अपने यहां मनाओ
दूसरों को उनके यहां मनाना
अच्छा नहीं लगता है
वे अपनी आजादी तो चाहते हैं
पर आपकी सिर्फ और सिर्फ
बरबादी चाहते हैं।
प्रभावी कार्टून!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंwaah :)
जवाब देंहटाएंएकदम सटीक। और आपके ब्लोग को खोलते ही टिवटर के लिए यूजरनेम और पासवर्ड का एक टेब खुलता क्यों है।
जवाब देंहटाएंhaha....isa bhee hoga ik din ....mazedaar cartoon !!!
जवाब देंहटाएंsatik,aur sahi muh tod jawab
जवाब देंहटाएंBrother very imaginative cartoons,you have a great talent.I am a old time lover of comics and cartoons,read your cartoons in Lotpot also.
जवाब देंहटाएंIt is pleasing to go through your cartoons.
बढ़िया ..... और बीएसएनएल की कृपा से वो किसी को फोन भी नहीं कर पायेगा
जवाब देंहटाएंअमेरिका वालों से यही चूक हो गई है । हम तो इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि अमेरिका में ऐसे लोगों को नौकरी पर कैसे रख लिया गया जो शाहरुख खान को नहीं जानते ।
जवाब देंहटाएंअब अगर शाहरुख खान, जिन्हें ग्यारह मुल्कों की पुलिस जानती है, को अमेरिका वाले नहीं पहचानते तो स्वत: ही महान मुल्कों की लिस्ट में अमेरिका का नाम नीचे खिसककर बारहवें स्थान पर तो कम से कम आ ही जाना चाहिये । हमारे विचार से बेचारे अमेरिका के लिए इतनी सजा काफी है अब शाहरुख अमेरिका को माफ कर दें तो हमें कोई आपत्ति न होगी
बराक हुसैन जब भी आये ताऊ सिक्युरीटी के हवाले कर दिजियेगा...
जवाब देंहटाएंआज तो वाकई सटीक और गजब का कार्टून है. बहुत धन्यवाद.
रामराम.
हां हां हां ....... अब आएगा ऊँट पहाड़ के नीचे........... क्या ख्याल है अमरीकियों .........
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. आपके सेंस ऑफ ह्यूमर और उसे प्रस्तुत करने की कला का जवाब नहीं.. हैपी ब्लॉगिंग.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब .. आपके सेंस ऑफ ह्यूमर और उसे प्रस्तुत करने की कला का जवाब नहीं.. हैपी ब्लॉगिंग.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब काजल जी आपकी सोच का जवाब नहीं ......बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंहाय हुसैन, यह क्या?!
जवाब देंहटाएंसुबह से खबर पढने के बाद से सोच रही थी की जब खून का बदला खून होता है तो बेइजती का बदला बेइजती क्यूँ नहीं ...आपकी कार्टून पढने के बाद कहने का मौका भी मिल गया ....मेहरबानी ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंअरे महराज आप समझे नहीं..शाहरुख़ को एतना नजदीक से छू-छू के देखने का मौका कहाँ से मिलता भाई...तो फायेदा उठा रहे थे ...जनम तर गया नू......
जवाब देंहटाएंअजी ऐसा mauka फिर कहाँ मिलेगा..
शाहरुख़ ऐसा फंसा कहा मिलेगा
और विवेक भाई ग्यारह मुल्को की पुलिस डान को धुंध रही है शाहरुख़ को नहीं