बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (01-112-2013) को "निर्विकार होना ही पड़ता है" (चर्चा मंचःअंक 1448) पर भी है! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हलके में मत लीजिये, हलका नहीं हमार | हलका-इन्स्पेक्टर कहे, फोटो रखे उतार | फोटो रखे उतार, नहीं दाढ़ी में तिनका | तिनका बेड़ापार, खींच ले फोटो जिनका | है यह बन्दा तेज, हाथ रह जाता मलके | नहीं कैमरा साथ, मचाता बड़े तहलके ||
आपके कार्टून हमेशा धारदार ,पानीदार होते हैं ,विषय की गंभीरता को चुटकियों में समझाने में कामयाब हो जाते हैं |बधाई मित्र
जवाब देंहटाएंतुषार जी आपका विनम्र अाभार.
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (01-112-2013) को "निर्विकार होना ही पड़ता है" (चर्चा मंचःअंक 1448)
पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
एक मुहावरा है शायद यहाँ सही बैठेगा 'रस्सी जल गयी मगर बल नहीं गया '.
जवाब देंहटाएंमिलकर बदला लिया पीड़ितों ने।
जवाब देंहटाएं:) Badhiya hai...
जवाब देंहटाएंहलके में मत लीजिये, हलका नहीं हमार |
जवाब देंहटाएंहलका-इन्स्पेक्टर कहे, फोटो रखे उतार |
फोटो रखे उतार, नहीं दाढ़ी में तिनका |
तिनका बेड़ापार, खींच ले फोटो जिनका |
है यह बन्दा तेज, हाथ रह जाता मलके |
नहीं कैमरा साथ, मचाता बड़े तहलके ||
सी डी देखकर तो पता चल ही जायेगा कि किया क्या है !
जवाब देंहटाएंकरार मारा हमेशा की तरह
जवाब देंहटाएंनिपट गया.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.