बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (22-09-2013) “अनुवाद-DEATH IS A FISHERMAN” - चर्चामंच -1376 में "मयंक का कोना" पर भी है! हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वीरू जी, आज हालत ये हो गई है कि हर किसी की हरेक किताब को कोई न कोई सम्मान बांटे चला जा रहा है. और अब हालात तो ये भी हो गए हैं कि अगर किसी की किताब पर सम्मान (?) न मिले तो वह केवल नाक-भौं ही नहीं सिकोड़ता , झगड़े तक पर उतारू और हो जाता है . -''सम्मान मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है'' -''तुम मुझे प्रोमोट करो मैा तुम्हें सम्मान दूूंगा'' :-)
क्या बात.. क्या बात.. क्या बात... भाई कभी किसी को अपने व्यंग्य से छोड़ भी दिया करो .....वैसे एक बात है ...मैं सबसे पहले आपका व्यंग्य अपने ऊपर जरुर लेती हूँ :P
गल ते सच्ची हैगी ए
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (22-09-2013) “अनुवाद-DEATH IS A FISHERMAN” - चर्चामंच -1376 में "मयंक का कोना" पर भी है!
हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हाल यहाँ सम्मान का ,ऐसा ही श्री मान ,
जवाब देंहटाएंभले कहो तुम शौक से भारत सबसे महान।
वीरू जी, आज हालत ये हो गई है कि हर किसी की हरेक किताब को कोई न कोई सम्मान बांटे चला जा रहा है. और अब हालात तो ये भी हो गए हैं कि अगर किसी की किताब पर सम्मान (?) न मिले तो वह केवल नाक-भौं ही नहीं सिकोड़ता , झगड़े तक पर उतारू और हो जाता है .
हटाएं-''सम्मान मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है''
-''तुम मुझे प्रोमोट करो मैा तुम्हें सम्मान दूूंगा''
:-)
क्या बात.. क्या बात.. क्या बात... भाई कभी किसी को अपने व्यंग्य से छोड़ भी दिया करो .....वैसे एक बात है ...मैं सबसे पहले आपका व्यंग्य अपने ऊपर जरुर लेती हूँ :P
हटाएंहाइकु को अवार्ड काइकू नईं? सई पूछेला है भाई :)
जवाब देंहटाएंकाहे परेशां हो रहे हैं ! आजकल तो खुद ही दे , खुद ही ले ! :)
जवाब देंहटाएंहा हा हा...लाजवाब. अब तो हमें भी किताब लिखकर सम्मान पाने का फ़ार्मुला मिल गया है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
हा हा हा सही है एकदम मस्त...:D
जवाब देंहटाएंनिर्णायक के लिये प्रतिपुरस्कार
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