बुधवार, 29 मई 2013

कार्टून :- पुलि‍स की नज़र है, दूर तलक जाती है...


11 टिप्‍पणियां:

  1. जहां तेरी ये नजर है मेरी जां मुझे खबर है, यही ख्याल आ रहा होगा.

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  2. पानी पानी कर दिया आपने तो...काश की यह बिहार सरकार देख पाती....

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  3. ये शराब और कलाली के प्राईवेट ठेके देने ही नही चाहिये, बल्कि लीकर का वितरण सार्वजनिक प्रणाली के तहत संबंधित थानों से ही किया जाना चाहिये, इसके अनेकों फ़ायदे होंगे.

    यहां से जो भी माल खरीदेगा उसको असली माल मिलने की गारंटी दी जा सकती है(यदि थानाप्रभारी ताऊ नही हुआ तो)दूसरे सभी खरीददारों की छवि सीसीटीवी कैमरों में रहेगी यानि स्वयं अपराधी भी दारू खरीदने थाने तक स्वयं ही चल कर आयेगा.

    कैसा लगा सुझाव?:)

    रामराम.

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    1. कहीं भी, दारू पी कर अपराध भी नहीं कि‍ए जाएंगे क्‍योंकि घरेलू नौकरों की पहचान की ही तरह पि‍यक्‍कड़ों की भी वीडि‍यो फ़ि‍ल्‍म थाने में रहेगी. :-)

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    2. बिल्कुल सही मर्म पकडा आपने, सरकार अगर ताऊ को सलाहकार बनाले तो अपराध और अपराधी दोनों की बैंड बाजा बरात निकल सकती है पर सरकार समझती ही नही है कि ताऊ के सुझाव बडे सीरियस टाईप के होते हैं.:)

      रामराम.

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  4. साढ्ढा कमेंट कित्थे गया जी? स्पैम में? :)

    रामराम.

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  5. PLEASE MAKE A NICE KARTOON ON naxali hamala
    ITS MY PERSONAL REQUEST

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  6. और यहाँ ड्राई डे भी नहीं होगा।

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