काजल जी दिमाग लगाना पढ़ रहा है चित्र की भाषा समझने में। कमेंट के लिये लाईन दिख रही है : 14 कमेंट करने के लिये राईट क्िलक कर नया पेज खोलें...ये काफी मजेदार था। पढ़िये नई कविता : कविता का विषय
काजल भाई जिनकी हथेली कलाई से उखाड़ ली अन्ना ने वो क्या हमारी भैंस खोल लेंगे ,ये डिब्बे का दूध पीने वाले हमारा कर भी क्या सकतें हैं ,हमने अपनी माँ का दूध पीया है . सोमवार, २९ अगस्त २०११ क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ? http://veerubhai1947.blogspot.com/
संसद भरो अभियान टाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा। में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये। जय हिंद
jai ho..
जवाब देंहटाएंक्या दिया घुमा के --आज फिर नहीं दिख रहा ।
जवाब देंहटाएं?
जवाब देंहटाएंजी हाँ , फायरफोक्स में नहीं खुल रहा । एक्स्प्लोरर में खुल गया ।
जवाब देंहटाएंअन्ना की जीत जनतंत्र की जीत है । इसमें किसी की हार नहीं है ।
क्या मारा है ठपाक से...बिलकुल झन्ना गया मैं !
जवाब देंहटाएंघुमा के दिया। देखते हैं प्रस्ताव का स्टेंडिंग कमेटी क्या करती है।
जवाब देंहटाएंअन्ना ने औकात दिखा दी ...
जवाब देंहटाएंGood satire ,anna is the symbol now .
जवाब देंहटाएंअभी तो क्लीन बोल्ड, कल का भी देख लेंगे.
जवाब देंहटाएंरामराम.
कौन कहता है चमत्कार नहीं होते! :)
जवाब देंहटाएंअब समाजवादी इसे प्रतीक बना लेंगे :)
जवाब देंहटाएंपिक्चर अभी बाकी है दोस्त। एक नंबर के हैं ये.......
जवाब देंहटाएंAsar to nazar aane laga hai....aage,aage dekhte hain kya hota hai!
जवाब देंहटाएंलाजवाब...
जवाब देंहटाएंकाजल जी दिमाग लगाना पढ़ रहा है चित्र की भाषा समझने में। कमेंट के लिये लाईन दिख रही है : 14 कमेंट करने के लिये राईट क्िलक कर नया पेज खोलें...ये काफी मजेदार था।
जवाब देंहटाएंपढ़िये नई कविता : कविता का विषय
शुक्र है !इस बार निशाना नहीं चूका !
जवाब देंहटाएं@ Rajey Sha राजे_शा
जवाब देंहटाएंइस कार्टून का लुब्बोलवाब बस इतना है सा है कि कल तक हर तरह के अड़ंगे डालने वालों को जनशक्ति किस तरह से रसातल में भेज देती है...अंतत:
too good KAJAL JI .THANKS
जवाब देंहटाएंYE BLOG ACHCHHA LAGA
काजल भाई जिनकी हथेली कलाई से उखाड़ ली अन्ना ने वो क्या हमारी भैंस खोल लेंगे ,ये डिब्बे का दूध पीने वाले हमारा कर भी क्या सकतें हैं ,हमने अपनी माँ का दूध पीया है .
जवाब देंहटाएंसोमवार, २९ अगस्त २०११
क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
http://veerubhai1947.blogspot.com/
ye to ji phir jhaad-ponchh ke khade ho jayenge.
जवाब देंहटाएंidia sir ji
जवाब देंहटाएंसंसद भरो अभियान
जवाब देंहटाएंटाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।
में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।
जय हिंद
जय हो...... जय हो...
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