शनिवार, 3 अक्टूबर 2009

कार्टून :- ये है बॉम्बे मेरी जान...


यदि कार्टून समझने में सहायता
चाहें तो यहाँ क्लिक करें 

16 टिप्‍पणियां:

  1. पैलवान अंकल की छवि देख लेगा तो बाम्बे वाला लप्प से माफी मांगेगा!

    जवाब देंहटाएं
  2. काजल भाई हमारा दुर्भाग्य है की हमारा लोकतंत्र गुंडों और मवालियों को 'पर्याप्त से ज्यादा स्पेस' देता है !
    वैसे कभी सोचा आपने की 'बाम्बे से बालीवुड' तो 'मुंबई से मवालीवुड' क्यों नहीं कहा जाना चाहिए ?

    जवाब देंहटाएं
  3. करारी चोट। लगता है महाराष्ट्र में दो दो सेंसर बोर्ड चलते है।

    जवाब देंहटाएं
  4. करारी चोट है कहीं आपको भी करण जौहर की तरह इस कार्टून के लिये माफी न मांगनी पडे

    जवाब देंहटाएं
  5. हमारा लोकतंत्र केसा लोक तंत्र जहां इन गुंडों और मवालियों से भी माफ़ी मांगनी पडे, लानत है ऎसी सरकार पर जो वोटो के लिये जनता को दांव पर लगाती है.

    जवाब देंहटाएं
  6. हाँ वो बोम्बे बोला, बोम्बे. मैं बोम्बे को बोम्बे नहीं बोलता, सच्ची......उस बोम्बे बोलने वाले को आप सबक सीखाओ....बोम्बे को बोम्बे बोलना भूल जाएगा.... :) :) :)

    जवाब देंहटाएं
  7. हा हा हा ..मजेदार..
    सही है अब तो यही हालात हो गये है कहीं की बाम्बे किसी के मुँह से निकले ही ना..
    बढ़िया कार्टून...बधाई!!!

    जवाब देंहटाएं
  8. कैसा लोकतंत्र...कहाँ का लोकतंत्र ?
    ओनली "राजतंत्र" !!

    जवाब देंहटाएं
  9. हा हा ! ब्लॉग बंद करवाना है क्या :)

    जवाब देंहटाएं
  10. Ab chup jaiye kuch dino ke liye.Raj ji ke 'gunde', kshama kijiye 'workers' aapko dhund hi rahe honge.

    जवाब देंहटाएं
  11. वाह!! काजल जी आप भी इस डिस्क्लेमर डाल दीजिये कि आप मुम्बई के स्थान पर बॉम्बे अपनी क्रिएटिव मजबूरी के चलते कर रहें हैं वरना कहीं आपको भी बुलावा न आ जाए

    जवाब देंहटाएं