ना ही शिक्षक हूँ अमे, ना ही कोई चोर | बड़ा समीक्षक समझ ले, लाया बुक्स बटोर | लाया बुक्स बटोर, नए पैदा कवि लेखक | नई पौध का जोर, कहाँ तक चखता बक बक | देते पुस्तक भेज, दक्षिणा नहिं मनचाही | इनसे रहा वसूल, कहाँ है बोल मनाहीं -
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! -- आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (17-11-2013) को "लख बधाईयाँ" (चर्चा मंचःअंक-1432) पर भी है! -- सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। -- गुरू नानक जयन्ती, कार्तिक पूर्णिमा (गंगास्नान) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
bik rahi hai wo bhi kilo ke bhaw me :)
जवाब देंहटाएंना ही शिक्षक हूँ अमे, ना ही कोई चोर |
जवाब देंहटाएंबड़ा समीक्षक समझ ले, लाया बुक्स बटोर |
लाया बुक्स बटोर, नए पैदा कवि लेखक |
नई पौध का जोर, कहाँ तक चखता बक बक |
देते पुस्तक भेज, दक्षिणा नहिं मनचाही |
इनसे रहा वसूल, कहाँ है बोल मनाहीं -
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (17-11-2013) को "लख बधाईयाँ" (चर्चा मंचःअंक-1432) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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गुरू नानक जयन्ती, कार्तिक पूर्णिमा (गंगास्नान) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
दे घुमा के
जवाब देंहटाएंवाह वाह नामवर सिंह गैंग को पूरा धौ दिया ,ऊपर से निचोड़ भी दिया। काजल कुमार के चित्र व्यंग्य नया शिखर नाप रहे हैं।
जवाब देंहटाएंकोई बडा समीक्षक दिखता है जो बेचने लायक किताबें मिल रही हैं इसे समीक्षा के लिये?:)
जवाब देंहटाएंरामराम.