शनिवार, 4 अगस्त 2012

कार्टून :- चाय के प्‍याले में तूफ़ान


17 टिप्‍पणियां:

  1. इसीलिए, खुदा कसम, मैं कभी भी अन्ना नहीं था!
    यकीन नहीं आता?
    यहाँ देखें -

    http://raviratlami.blogspot.in/2011/08/blog-post_22.html

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  2. 'ब्रूटस' कहना कुछ ज़्यादा हो गया लेकिन सवाल सही है.

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (05-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  4. यह अन्ना की हार नहीं हमारी कुटिल राजनीति की जीत है.पर कब तक...?

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  5. आप तो पंजाबी जानते हैं, समझ जायेंगे|बाकियों के लिए इसका खुलासा कभी अपनी पोस्ट में करूँगा|
    ये सब देखकर बचपन की एक बात याद आती है - 'होर वड़ो':)

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  6. काजल कुमार जी यह एक रणनीतिक मूव है .संघर्ष तो अब शुरु होगा अच्छाई और बुराई .देश के इतिहास में यह एक संक्रमण बिंदु है .सुर असुर संग्राम अब देखिएगा क्या और कैसा होता है .
    फिलवक्त तो ताऊ जी (स्वामी राम देव )को संभाले मौन सिंह और वह चुप्पा भगवती .१५ अगस्त पर मौन सिंह शायद ही घटना घटाए अब चढ़ पायें लाल किले पर.१५ अगस्त का रंग जुदा होगा इस मर्तबा .

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  7. ब्रूट व्यवस्था ,क्रूर प्रणाली ,क्या कर लेंगे अन्ना .....हम अभी से क्या बताएं क्या हमारे दिल में हैं ...बढिया कार्टून काजल के ...
    ram ram bhai
    रविवार, 5 अगस्त 2012
    आपके श्वसन सम्बन्धी स्वास्थ्य का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक (चिकित्सा व्यवस्था )में
    आपके श्वसन सम्बन्धी स्वास्थ्य का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक (चिकित्सा व्यवस्था )में
    कृपया यहाँ पधारें -http://veerubhai1947.blogspot.de/

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  8. कुलबुलाय कीड़ा-कपट, बेईमान इंसान ।
    झूठ स्वयं से बोल के, छोड़ हटे मैदान |

    छोड़ हटे मैदान, डटे थे बड़े शान से |
    बार बार आमरण, निकाले खड्ग म्यान से |

    अनशन अब बदनाम, महात्मा गांधी अन्ना |
    खड्ग सिंह विश्वास, टूटता मिटी तमन्ना |

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  9. जाहि बिधि राखे राम, ताहि बिधि रहिये!

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