शनिवार, 25 अगस्त 2012

कार्टून :-सफ़ेद कमीज़ों वाले लोग


20 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (26-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. इस कोयले की दलाली में सभी की कमीज काली है |

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  3. बाल भी काले हैं इन लोगों के, दिल भी. हाथ की क्या बात ?सभी के काले हैं, किसी के कम, किसी के ज्यादा ,पूछता रहता है -तेरे हाथ मेरे हाथ से कम काले क्यों ? बढ़िया व्यंग्य .,कृपया यहाँ भी पधारें -

    शनिवार, 25 अगस्त 2012
    आखिरकार सियाटिका से भी राहत मिल जाती है .घबराइये नहीं .
    गृधसी नाड़ी और टांगों का दर्द (Sciatica & Leg Pain)

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  4. काजल भाई कमीज़ कितनी भी सफ़ेद हो जे.ब काली ही मिलेगी ......

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  5. ज्यादा देर तक खान कब्जे में न रही न..वरना देखते कैसे मुकाबला होता

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  6. वो कोयले का मंतरी कहाँ है ?

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  7. क्या धाँसू सोच है काजल जी ..बहुत खूब

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  8. अभी लाउंड्री से धुलवा कर आ रहा हूँ। :)

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  9. "क्योंकि तू सिलसिला छाप सरकार है और मैं कभी-कभी छाप....."

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  10. यहां कालेपन की होड़ है , इन्होने बरसों पहले उन्हें खो किया था सो वे नहा धोकर / उजले होकर , इन्हें खो करने की तैयारी में हैं :)

    आपका कार्टून ज़रा सी हेर फेर करते चलें तो वर्षों काम आएगा ! लगातार बार बार यही पुकार तेरी कमीज...कभी इनके लिए , कभी उनके लिए :)

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  11. तेरी वाणी कितनी आड है..,

    तू भी तो एक नंबर का फ्राड है..,

    तेरी कथनी करनी में अंतर है..,

    तेरा मंदिर किधर है..,

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  12. तू बिलकुल फटीचर है,
    तू कौन सा डाक्टर है,

    तू जनता को बरगला रहा है,
    तू कौन सा रोटियों में घी लगा रहा है,

    कपारिया केवल कपड़े दिखा रहा है,
    ये न्यायालय क्यूँ नहीं चला रहा है-----

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  13. उसके पास कोयला नहीं था ना :)))

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