बुधवार, 4 अप्रैल 2012

कार्टून :- हँकने-हँकाने के दि‍न हैं ख़रामा ख़रामा


20 टिप्‍पणियां:

  1. कैसा निर्दलीय है यह बाकी तो मुख्यमंत्री के सर पर चढ़ जाते हैं !

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    1. अभी मुंडी गि‍नाने के लि‍ए लाया गया है, सि‍र पे चढ़ने की बारी तो सरकार गि‍राने की धमकि‍यां देते वक्‍त आएगी ☺

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  2. ऐसा निर्दलीय ..किस दुनिया का प्राणी है ...!

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    1. ये फ़ॉर्महाउसों को खुशी-खुशी ले जाया जा रहा है, वहां और आराम से बैठ कर बात होने वाली है

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  3. अगली बार इसको वोट न मिलेंगे !

    .
    .
    आपके साईट में न जाने कमेन्ट होता ही नहीं है जल्दी

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    1. http://kajalkumarcartoons.blogspot.in यू आर एल प्रयोग करने से यह समस्‍या कम हो जाती है. दूसरे, मैंने यह भी पाया कि‍ जब से ब्‍लॉगर ने डॉट इन डोमेन में रि‍डायरेक्‍ट कि‍या है,
      बहुत से कमेंट सीधे ही स्‍पैम में पहुंच रहे हैं ☺

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  4. ये उनमें से हैं वोट ले लेते हैं (ये वोट मि‍लने की बाट नहीं जोहते) ☺

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  5. और ऐसा समर्थन भी बिना किसी शर्त होगा !!

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  6. और मैं इसका मसाज कर रिया हूँ,इसकी मर्जी से !

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  7. निर्दलीय होने के भी फायदे हैं ।

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  8. ओह तो दयनीय स्थिति यहाँ तक आ पहुँची!

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