इस उत्कृष्ट कार्टून की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
हाँ यही तो दुविधा है :)
जवाब देंहटाएं4 उंगलियों में 6 अंगूठियाँ तो अभी भी पहनी होंगी?!
जवाब देंहटाएंबस यही कार्य रह गया है।
जवाब देंहटाएंसटीक व्यंग
जवाब देंहटाएंजब तक गंडे-तावीज़ के त्राहक हैं, वो तो बिकती ही रहेंगे और हमारे सितारे उसमें चार चांद लगा देंगे :)
जवाब देंहटाएंऐसे ही तो आबाद हुआ है छोटा पर्दा .बहुत खुद तरीका है .
जवाब देंहटाएंइस उत्कृष्ट कार्टून की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
अच्छा व्यंग...
जवाब देंहटाएंउन के पास बेचने का कुछ तो विकल्प है !
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