सोमवार, 30 अगस्त 2010

कार्टून:- कैच 22


26 टिप्‍पणियां:

  1. चल तो काफी पहले से रहा है। मिट्टी पलीद हुई है अब जाकर।

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  2. इनके लिये तो बेइज्जती की बात तब है कि अगर कोई एकाध खिलाड़ी फ़िक्सिंग में शामिल न हो।

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  3. घंटों टीवी से चिपके रहते , धड़कने धौंकनी हो जाया करतीं , कि नतीज़ा क्या होगा ? फिक्सिंग की सुन सुन के अब क्रिकेट देखना छोड़ दिया है ! उनका शुक्रिया कि हार्ट अटैक का ख़तरा ना रहा :)

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  4. और देखिए साहब,जब वूल्मर ने यही बात उठाने की कोशिश की थी तो क्या हश्र हुआ बेचारे का!

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  5. यह तो अन्याय है. मैं पाक खिलाड़ियों के साथ हूँ.

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  6. मजेदार है....
    ____________________
    'पाखी की दुनिया' में अब सी-प्लेन में घूमने की तैयारी...

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  7. भई वाह क्या बात है .......

    कुछ लिखा है, शायद आपको पसंद आये --
    (क्या आप को पता है की आपका अगला जन्म कहा होगा ?)
    http://oshotheone.blogspot.com

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  8. वैसे आप गौर करें तो एक गेंद पर जानबूझ कर आउट होना उतना ही अनिश्चित है, जितना की उस पर छक्के की सफल कोशिश करना. तो भाई ईमान से देखा जाएं तो काम तो फिर भी मेहनत का ही है!

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  9. बढ़िया है...और मुझे लगता है कि बाढ़ से पाकिस्तान के जो हिस्से बचे थे, इस मामले के बाद अब वो शर्म से डूब गए होंगे।

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  10. अरे हमारे भी कोन से दुध के धुले होंगे..... मारो गोली इस क्रिकेट को.......मुंह काला करवाने के लिये पेसा लेते थे, ओर बाकी जनता इन की दिवानी थी:)

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  11. हा हा!! सही तो कह रहा है बेचारा.

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  12. भाई लोग तो पाकिस्तानी होने का हक अदा कर रहे हैं....

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  13. ..बढ़िया है.
    ________________
    'शब्द सृजन की ओर' में 'साहित्य की अनुपम दीप शिखा : अमृता प्रीतम" (आज जन्म-तिथि पर)

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