यह यातायात पुलिस का सिपाही बस यातायात नियंत्रण की ही सूखी-सूखी ड्यूटी नहीं करना चाहता... बल्कि यह तो वास्तव ही में यातायात पुलिस की मलाईदार 'ड्यूटी' भी करना चाहता है पर (बक़ौल अली जी के) अफ़सर को मुद्रा दिखाए बिना ही मुद्रा वाली ड्यूटी की बात कहां समझा पर रहा है यह उसे :-))
badhiya !
जवाब देंहटाएंसाहब समझ गए , अधिक मलाई वाली जगह चाहिए !!
जवाब देंहटाएंbahut badiya
जवाब देंहटाएंयहां भी पांच हजार का टोकन चल रहा है...
जवाब देंहटाएंक क क्या कहा । ज़रा फिर से बोलना । मुझे समझ नहीं आया ।
जवाब देंहटाएंये दिल्ली पुलिस भी अबूझ पहेली है आम जनता के लिए ?
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंऐसे कैसे समझेंगे ? पहले समझने वाली मुद्रा तो दिखाओ !
जवाब देंहटाएंसटीक कार्टून !
जवाब देंहटाएंसमझ गया.
जवाब देंहटाएंसाहब ऐसे केसे समझेंगे?
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंहा-हा, व्यावसायिक वाहनों की चेकिंग ड्यूटी चाहिए होगी !
जवाब देंहटाएंओय तेरा पेट ही इतना है, ज्यादा हजम्म ना होगा, यहीं लगा रह.
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब ... पैना व्यंग ..
जवाब देंहटाएंUffo..yah yatayat duty kya hoti hai?
जवाब देंहटाएंHOT ti ho gaya mere saath to!
Kisi comment parse itna samajhi,ki,use adhik 'lucrative' posting kee chaah hai...!
बिलकुल।
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ब्लॉगवाणी माहौल खराब कर रहा है?
: ) ..lekin us ke liye bhi to sifarish chaheeye hogi...
जवाब देंहटाएं@ kshama ji
जवाब देंहटाएंयह यातायात पुलिस का सिपाही बस यातायात नियंत्रण की ही सूखी-सूखी ड्यूटी नहीं करना चाहता... बल्कि यह तो वास्तव ही में यातायात पुलिस की मलाईदार 'ड्यूटी' भी करना चाहता है पर (बक़ौल अली जी के) अफ़सर को मुद्रा दिखाए बिना ही मुद्रा वाली ड्यूटी की बात कहां समझा पर रहा है यह उसे :-))
Bilkul sahab ji samjh gaye ki aap ka khrcha nahi chal raha..............
जवाब देंहटाएंधम भी समझ गये बढिया है।
जवाब देंहटाएंआपके बेहतरनी कमेंट से यहां तक खींचा चला आया। आप बेहतरीन कैरीकेचर बनाते हैं।
जवाब देंहटाएंजहां न हो माल न पानी; वह ड्यूटी भी कोई ड्यूटी है लल्लू!
जवाब देंहटाएं:)