शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

कार्टून :- चूड़ियां किसी भी रंग की हों...रहती हैं चूड़ियां

23 टिप्‍पणियां:

  1. सही है जिसे बन्दूक पकड़ना नहीं आता वो बन्दूक क्या करे!! हा..हा..

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  2. हा हा हा चलो अपनी औकात टाइम पे पता चल गयी...

    regards

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  3. मालखाना से ले गए तो कम से कम सिपाही पर तो तोहमत न आएगी।

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  4. मजाक नहीं _.. ये सत्‍य बन गया है!!

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  5. बहुत ही होनहार बन्दा है. प्रबन्धन का जिम्मा सौपों.. :)

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  6. chiin to unase bhi lenge jinhe ye
    banduk pakada rahe hai...wo kaun se bahadoor hai..
    badhiya majedaar..cartoon.

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  7. maine to apni bandook isi dar se to issue bhi nahin karwai hai aur too mere pass jama karwa riya hai.

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  8. कुछ भी कहिये आदमी समझदार है.:)

    रामराम.

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  9. इत्ती पुराने जमाने की बन्दूक है - जमा कराना ही ठीक है। एन मौके पर चलेगी भी नहीं! :)

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  10. आईला, काजल जी, आप झारखण्ड कब गए थे ?
    आपको भी न सब पता चल जाता है...
    हा हा हा हा हा :):):):)

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  11. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  12. एक तो चिडीमार बन्दूक , उसपर छर्रे / कारतूस हुक्मरानों की तिजोरी में ?
    ...प्यादे के सामने विकल्प क्या है ?

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  13. जमा करने में ही खैरियत है.

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  14. bechare ko kum se kum bandook ki to chinta hai...

    ...ya shayad aone job ki...

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