कल रामू धोबी अपने बूढ़े गधे को गोद में लिए सड़क पार कर रहा था। हमने पूछा काहे गोद में लिए हो ? बोला-- डाकडर मनमोहन सिंह से प्रेरणा लिए हैं हम , यदि वे इटली की बुढिया को सर पर बैठा सकते हैं तो का हम अपना भारतीय गधा नहीं गोद ले सकते क्या?
Dr. Manmohan Singh is a source of motivation for all and sundry.
काजल भाई आपका कार्टून लिंक तो खुल जाता है लेकिन कार्टून उस अ- वास्तविक अन्तरिक्ष में लटका रह जाता है जिसे साइबर स्पेस कहतें हैं ,चौथी क्या पांचवीं बार कोशिश करता हूँ . बेहतरीन प्रस्तुति सामयिक और तीक्ष्ण . लठ्ठ गाड़ दिए भाई आज तो छोरा नै
थूक से या फूंक से...?
जवाब देंहटाएंया भूख से????
जवाब देंहटाएं:-(
अथ थूक महात्म्य !
जवाब देंहटाएंये थूक से वाहन चलायें
वो , चाट के सरकार जी !
थूक,फूक,या भूख.....ये स्पेशल सवारी किसी से भी चल सकती है।
जवाब देंहटाएंप्रश्न चिह्न खड़े करता ज़बरदस्त कार्टून।
सादर
अब यही नौबत आयेगी।
जवाब देंहटाएंआवश्यकता आविष्कार की जननी है।
जवाब देंहटाएंआपके कार्टून मुझे बहुत प्रिय हैं। यदि कल को मेरी चर्चा होती तो इसे चर्चा मंच पर अवश्य लगाता!
जवाब देंहटाएंह्हाहाहाहाहा
जवाब देंहटाएंइससे बेहतर कुछ हो नहीं सकता।
(आपके ब्लॉग पर टिप्पणी करते समय कौन सा विज्ञापन चढ़ जाता है और डिस्टर्ब करता है।)
.
जवाब देंहटाएंकल रामू धोबी अपने बूढ़े गधे को गोद में लिए सड़क पार कर रहा था। हमने पूछा काहे गोद में लिए हो ? बोला-- डाकडर मनमोहन सिंह से प्रेरणा लिए हैं हम , यदि वे इटली की बुढिया को सर पर बैठा सकते हैं तो का हम अपना भारतीय गधा नहीं गोद ले सकते क्या?
Dr. Manmohan Singh is a source of motivation for all and sundry.
.
सही प्रेरणा मिले तो इंसान क्या से क्या कर जाये ...
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - यह अंदर की बात है ... ब्लॉग बुलेटिन
ye bhi hona hai shayad....
जवाब देंहटाएंसाब को प्रेरणा कहाँ से मिली?
जवाब देंहटाएंयुरेका
जवाब देंहटाएंहा हा .............
जवाब देंहटाएंये मनमोहन जी तो बड़े प्रेरणादायक निकले !!
काजल भाई आपका कार्टून लिंक तो खुल जाता है लेकिन कार्टून उस अ- वास्तविक अन्तरिक्ष में लटका रह जाता है जिसे साइबर स्पेस कहतें हैं ,चौथी क्या पांचवीं बार कोशिश करता हूँ .
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सामयिक और तीक्ष्ण .
लठ्ठ गाड़ दिए भाई आज तो छोरा नै