शनिवार, 2 जून 2012

कार्टून:- खि‍लौनों का सच


11 टिप्‍पणियां:

  1. अरे बालक खिलौना बनाने वाले को पैसे तेरे मां बाप से लेने हैं कि तुझसे :)

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  2. अरे बच्चा खिलौने तो दूर की बात है, तेरे मां बाप ने तुझसे ये भी न पूछा कि तुझे कौन सा नाम पसंद है वो भी अपनी मर्जी का रख देते हैं और तुझे जिन्दगी भर उसे ढोना होता है

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  3. बिल्कुल सटीक!
    इस कार्टून की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी लगाई गई है!

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  4. बिल्कुल सच, सपने और खिलौने, दोनों थोपना बन्द किया जाये।

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  5. सही है...वैसे खिलौना बनाने वाली कंपनियाँ बच्चों की पसंद का भरपूर ध्यान रखती हैं।

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  6. बच्चे के मन की बात प्रेषित कर गयी आपकी रचनात्मकता:)

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  7. ऐसा भी एक ब्लाग लिखा जा सकता है
    इसकी कल्पना नहीं की थी मैंनें
    सादर

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  8. अगर नन्हें बच्चे बोलकर समझा पाते तो जरूर माँ-बाप उनसे ही पूछकर खिलौने खरीदते...

    साल-भर के बच्चे तो खिलौने न भी दो .. तो भी शरीर के अंगों से खेलते रहते हैं.

    उनके लिये तो सभी चीज़ें खिलौने हैं... और खाने की वस्तुयें भी.

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