रविवार, 18 मार्च 2012

कार्टून:- ज़ख़्म हैं कि सूखने का नाम ही नहीं ले रहे


23 टिप्‍पणियां:

  1. खामखयाली विशफुल थिंकिंग से पैदा जख्म हैं ये, हरे रहेंगे .मुगालते बने हुएं हैं .

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  2. अभी ऐसे कई जख्म ओर बनने बाले है इनके !!

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  3. जनता को उल्लू समझना कितना खतरनाक होता है?

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  4. @ स्तरीय सलाह.....वाह :)

    मन ही मन जुवराज जी दांत पीसते कह रहे होंगे - दिग्गिया तोरे कारन :)

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  5. ना भई ना। एक निशाना चूका तो क्या हुआ,आगे मिशन 2014 भी तो है!

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  6. बहुत खूब

    कल 21/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ... मुझे विश्‍वास है ...

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  7. wah sir...
    sir..uttrakhand ki raajniti ke ghatnakram pr bhi ek cartoon awashya banayega...

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  8. सही सलाह पर अमल तो होगा ही ।

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