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रूस में गीता प्रतिबंधित ?नई जानकारी मिली आपके इस कार्टून से.मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,काजल भाई.
तू साले ई लम्बी चौड़ी क्यों हाक रहा है : :)
छात्र की शिकायत जायज है...:)
Waise roos me Geeta prabandhit hone se duniya ko koyee khaas farq padega aisa lagta nahee!
bahut umda ..
हम्म सही कह रहा है एकदम.
जैसा गुरु , वैसा चेला ।
ये तो कृतघ्नता वाली बात हुई ! [ नामों और शब्दों से इतिहास धुनकने वाला कोई बंदा कह रहा था कि ये जो रूस है हमारे ऋषि शब्द का अपभ्रंश है :) ]
अरे वाह!इतना बढ़िया कार्टून तो आज के चर्चा मंच पर भी होना चाहिए!
धांसू
अरे वाह!इतना धांसू कार्टून तो आज के Blog ki khabren पर भी
Please see this news on http://blogkikhabren.blogspot.com/2011/12/blog-post_19.html
संस्कृत के बजाय संस्कृति की शिक्षा चाहिए !
:) Bahut Badhiya...
हम्म सही बात है... फैसला २८ दिस. तक के लिए टला
वाह ...बहुत खूब ।कल 21/12/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, मेरी नज़र से चलिये इस सफ़र पर ...
संस्कृति सिखाने का यह तरीका तो कभी न रहा :(
यूँ तो आजकल यहाँ भी नहीं सिखाते !
:)
रूस में गीता प्रतिबंधित ?
जवाब देंहटाएंनई जानकारी मिली आपके इस कार्टून से.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,काजल भाई.
तू साले ई लम्बी चौड़ी क्यों हाक रहा है : :)
जवाब देंहटाएंछात्र की शिकायत जायज है...:)
जवाब देंहटाएंWaise roos me Geeta prabandhit hone se duniya ko koyee khaas farq padega aisa lagta nahee!
जवाब देंहटाएंbahut umda ..
जवाब देंहटाएंहम्म सही कह रहा है एकदम.
जवाब देंहटाएंजैसा गुरु , वैसा चेला ।
जवाब देंहटाएंये तो कृतघ्नता वाली बात हुई !
जवाब देंहटाएं[ नामों और शब्दों से इतिहास धुनकने वाला कोई बंदा कह रहा था कि ये जो रूस है हमारे ऋषि शब्द का अपभ्रंश है :) ]
अरे वाह!
जवाब देंहटाएंइतना बढ़िया कार्टून तो आज के चर्चा मंच पर भी होना चाहिए!
धांसू
जवाब देंहटाएंअरे वाह!
जवाब देंहटाएंइतना धांसू कार्टून तो आज के Blog ki khabren पर भी
Please see this news on
जवाब देंहटाएंhttp://blogkikhabren.blogspot.com/2011/12/blog-post_19.html
संस्कृत के बजाय संस्कृति की शिक्षा चाहिए !
जवाब देंहटाएं:) Bahut Badhiya...
जवाब देंहटाएंहम्म सही बात है... फैसला २८ दिस. तक के लिए टला
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंकल 21/12/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, मेरी नज़र से चलिये इस सफ़र पर ...
संस्कृति सिखाने का यह तरीका तो कभी न रहा :(
जवाब देंहटाएंयूँ तो आजकल यहाँ भी नहीं सिखाते !
जवाब देंहटाएं:)
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