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चुनाव करवा दो मान जायेंगे :):)
वाह!बहुत सुन्दर!
जिनसे 'रिश्ता' किया अगर वही चौथ वसूल रहे हों तो फिर ये भी सहना पड़ेगा :)
Mast... is ruthne manane ka bhi alag hi maza hai... Karodo kharch ho jaate hain janaab!!!
बस यही काम रह गया है।
:):) विपक्ष तो बाद में मानेगा ..अक्सर तो साथ देने वाले दलों पर ही यह गाना सही बैठता है ..
मनाना जरूरी है क्योंकि ’जो वादा किया है, निभाना पड़ेगा,पर जाये पब्लिक चाहे,वॉल्मार्ट कार्फ़ूर जैसों को लाना पड़ेगा’
*मर जाये पब्लिक चाहे*
मज़ा जीने का तभी आता है ।
:):)..इससे ज्यादा क्या करेंगे.
अरे विपक्ष की चिंता किसे है ये गाना तो ममता दीदी के लिए गाया जा रहा है :))
तुम रूठी रहो मैं मनाता रहूंमज़ा पार्लियामेंट में आता है :)
उनके रूठने की अदा सुभानअल्ला,उनके मनाने की अदा माशाअल्ला।हम भी है वाकिफ इस शातिराने से,अब कैसे बचा देश इस याराने से।
ऐसे कैसे -डाल गलबहियां ! :)
क्या अदा है. शुभानल्लाह.
Ha,ha,ha!
रूठने मनाने का खेल रहे जारीचटकाता रहे एड़ियां अण्णा हजारी! :)
एक दृष्टि से सत्ता पक्ष और विपक्ष में कोई अंतर नहीं होता. रूठने मनाने का खेल तो इन दोनों सत्ता प्रेमियों में चलता ही रहेगा :))
तुम ऐसे तो न थे :-)
चुनाव करवा दो मान जायेंगे :):)
जवाब देंहटाएंवाह!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!
जिनसे 'रिश्ता' किया अगर वही चौथ वसूल रहे हों तो फिर ये भी सहना पड़ेगा :)
जवाब देंहटाएंMast... is ruthne manane ka bhi alag hi maza hai... Karodo kharch ho jaate hain janaab!!!
जवाब देंहटाएंबस यही काम रह गया है।
जवाब देंहटाएं:):) विपक्ष तो बाद में मानेगा ..अक्सर तो साथ देने वाले दलों पर ही यह गाना सही बैठता है ..
जवाब देंहटाएंमनाना जरूरी है क्योंकि
जवाब देंहटाएं’जो वादा किया है, निभाना पड़ेगा,
पर जाये पब्लिक चाहे,
वॉल्मार्ट कार्फ़ूर जैसों को लाना पड़ेगा’
*मर जाये पब्लिक चाहे*
जवाब देंहटाएंमज़ा जीने का तभी आता है ।
जवाब देंहटाएं:):)..इससे ज्यादा क्या करेंगे.
जवाब देंहटाएंअरे विपक्ष की चिंता किसे है ये गाना तो ममता दीदी के लिए गाया जा रहा है :))
जवाब देंहटाएंतुम रूठी रहो मैं मनाता रहूं
जवाब देंहटाएंमज़ा पार्लियामेंट में आता है :)
उनके रूठने की अदा सुभानअल्ला,
जवाब देंहटाएंउनके मनाने की अदा माशाअल्ला।
हम भी है वाकिफ इस शातिराने से,
अब कैसे बचा देश इस याराने से।
ऐसे कैसे -डाल गलबहियां ! :)
जवाब देंहटाएंक्या अदा है. शुभानल्लाह.
जवाब देंहटाएंHa,ha,ha!
जवाब देंहटाएंरूठने मनाने का खेल रहे जारी
जवाब देंहटाएंचटकाता रहे एड़ियां अण्णा हजारी! :)
एक दृष्टि से सत्ता पक्ष और विपक्ष में कोई अंतर नहीं होता. रूठने मनाने का खेल तो इन दोनों सत्ता प्रेमियों में चलता ही रहेगा :))
जवाब देंहटाएंतुम ऐसे तो न थे :-)
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