बुधवार, 7 जुलाई 2010

कार्टून:- हिन्दी समर्थकों के लिए...


17 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्दी का तो दाना पानी उठ गया लगता है !

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  2. हिन्दी हिन्दी हिन्दी हिन्दी .............हिन्दी समर्थक यही रटते रहते हैं.
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  3. आपने बात तो सही कही है, मगर पहला प्यार है....

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  4. Yah to sahi hai..! Aapko soojh bhi khoob jati hai!
    Lekin ye to shahar niwasi angrezi chahte hain. Gaanvon me jab shiksha ka prasar hoga to regional bhasha ka prabhutv rahega, aur saath,saath hindi hogi.Waise,Dakshin Bharat me log Hindi nahi chahte!

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  5. न अमीर , न गरीब , न मध्यम वर्गीय--फिर हिंदी ब्लोगर्स किस वर्ग में आते हैं ?

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  6. और जो हम जैसे हिन्दी पढ रहे हैं, वे कौन सी श्रेणी में आते हैं?

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  7. अजी डरे नही विदेशो मै रह रहे भारतीय हिन्दी को जरुर जिन्दा रखेगे जी

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  8. गरीब और आमिर हिंदी लिख पढ़ नहीं सकते लेकिन वो बोलते तो हिंदी ही है और यहीं भाषा उन्हें समझ भी आती है !
    वैसे राज भाटिया जी ने सही कहा है की विदेशो में रह रहे भारतीय हिंदी को ज़रूर जिंदा रखेंगे ! आज यहीं सच है की हमें अपनी ही चीज़ की कद्र नहीं रही ! तभी तो अमेरिका द्वारा कितने ही योगासन पेटेंट करवाने के बाद भारत की नींद खुली है और अब उसे भी इन आसनों की कद्र समझ आई है ! खैर ........हिंदी अपना अस्तित्व नहीं खो सकती ! आज हिंदी हिंगलिश में जिंदा है !

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  9. आपके बहुत से कार्टून देखें आज सब के सब जोरदार ।
    हिन्दी चल रही है और चलती रहेगी । हम सब हैं ना ।

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