वाह काजल जी, बाऊ जी की दूरदृष्टि.पेट्रोल की कीमत में एक पंथ दो/ तीन काज सिर्फ चारे का खर्च घूमना भी और बिना मिलावट वाला ढूध भी,और आपकी भाषा में मिनरल वाटर का खर्चा भी बचा.हुई न दूरदृष्टि
बहुत बढिया जी हमे भी दो चारे भेंस ले दो, जिस पर बेठ कर हम भारत की खोज करेगे, अरे डरो नही खाना नीरज जाट के खेत किस काम आयेगे? इतनी टिपण्णियां दी है मुफ़त मै उसे, क्यां हमारे गरीब भेंस का पेट नही भरेगा
अगर अकेला चढ़ेगा तो दिक्कत है...किराए पर चलाये कुछ पैसेंजर बिठाए तो...आम के आम गुठलियों के दाम... आइडिया बुरा नहीं है....लालू जी को इसी भैंसे ने कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया.... बालक भैंसासुर की सेवा कर मेवा मिलेगा ....
भैंस ले लेते तो दूध का टंटा भी मिटता.
जवाब देंहटाएंसही जुगाड़ कर लिया :)
जवाब देंहटाएंअच्छा है सवारी की सवारी भी और दूध का दूध भी, बस पार्किंग की समस्या हो सकती है।
जवाब देंहटाएंपता नही आज हमको कार्टून नही दिख रहा है. कुछ दिक्कत है हमारे ब्राऊजर के साथ.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मुख्यमंत्री न देख लें
जवाब देंहटाएंयह कार्टून
भैंस/भैंसा या समूचे जानवरों
पर भी रोड टैक्स और उस पर वैट
दोनों लगा देंगी।
वाह, भैंसा पड़ोसी के खेत में चर सकता है! पड़ोसी के स्कूटर की टंकी से पेट्रोल निकालने में शायद दिक्कत हो! :-)
जवाब देंहटाएंहाय !
जवाब देंहटाएंदेख मेरे देश की हालत क्या होगई भगवान
वाह काजल जी, बाऊ जी की दूरदृष्टि.पेट्रोल की कीमत में एक पंथ दो/ तीन काज सिर्फ चारे का खर्च घूमना भी और बिना मिलावट वाला ढूध भी,और आपकी भाषा में मिनरल वाटर का खर्चा भी बचा.हुई न दूरदृष्टि
जवाब देंहटाएंट्रफिक जाम भी कम, कच्चे रास्ते निकल लेंगे ।
जवाब देंहटाएंहा...हा...हा...बेचारे बाउजी........"
जवाब देंहटाएंamitraghat.blogspot.com
रोड़ टेक्स कितना भरना पडेगा?
जवाब देंहटाएं.जुगाड़ तो अच्छा है ..पार्किंग के बाहर अब चारे के खोमचे लगाने होंगे
जवाब देंहटाएंहा हा हा ! मरेगा बेचारा !
जवाब देंहटाएंपुराना स्कूटर १०००० में बेच ४०००० का भैंसा खरीद लिया।
गरीब धोखा खा गया ।
काजल भाई आपसे शिकायत है कि भविष्य में ऐसे कार्टून बनाते समय सर्वांग-दर्शन कराया करें क्योंकि लोग भैंस और भैंसा में कन्फ्यूज़ हो रहे हैं
जवाब देंहटाएंयह भी नहीं हो सकता, चारा खिलाने के लिये धरती ही नहीं बची है.
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से तो गधा खरीदना चाहिए था। यमराज समझने की भूल भी नहीं होती। फिर आपकी इच्छा कुछ भी खरीदो।
जवाब देंहटाएंमजेदार कार्टून....लेकिन इसे खिलाएंगे क्या?..
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया जी हमे भी दो चारे भेंस ले दो, जिस पर बेठ कर हम भारत की खोज करेगे, अरे डरो नही खाना नीरज जाट के खेत किस काम आयेगे? इतनी टिपण्णियां दी है मुफ़त मै उसे, क्यां हमारे गरीब भेंस का पेट नही भरेगा
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंअगर अकेला चढ़ेगा तो दिक्कत है...किराए पर चलाये कुछ पैसेंजर बिठाए तो...आम के आम गुठलियों के दाम...
जवाब देंहटाएंआइडिया बुरा नहीं है....लालू जी को इसी भैंसे ने कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया....
बालक भैंसासुर की सेवा कर मेवा मिलेगा ....
...चलो कम से कम मैनटेनेंस का झंझट भी नहीं रहेगा!!!!
जवाब देंहटाएंek bail garee kharidna parega.
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