बुधवार, 13 जनवरी 2010

कार्टून :- एक था झूठा और एक था कौआ ...


18 टिप्‍पणियां:

  1. कोई तो आओ
    इस कौए को बताओ
    नेता तो होता
    सदा ही चोंचप्रूफ है
    क्‍या इसके लिए भी चाहिए
    कोई प्रूफ है
    तो पैसे लगेंगे
    ऐसे थोड़े ही मिलेंगे
    न प्रूफ
    न रूफ
    अब नेताओं की रूफ
    तो उनकी टोपी होती है
    पर वे टोपी जनता को
    फ्री में पहनाते हैं
    कौए को पूछो
    टोपी पहनेगा ?

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  2. बहुत ही लाजवाब.:)

    मजा आगया.

    रामराम.

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  3. हा..हा..हा.. बहुत ही उम्दा!! ये कहावत बदलनी होगी!!! नेता को झूठ बोलने से कौवा तो क्या कला नाग भी दसे तो मर जावे!!!

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  4. हा हा हा हा कौआ है परेशान,हैरान
    इसको क्यों असर नही होता श्रीमान

    धांसु

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  5. काजल जी,

    वाह क्या सच्ची बात कही है नेताओ और कुत्ते की पूँछ का तो कुछ नहीं हो सकता...बेचारा कौवा भी क्या करे...
    :)

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  6. bechara kauwwa!
    usko hi ab apni 'chonch ka transplant' karwa lena chaheeye...
    badlate samay ki zarurat hai.

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  7. अब बहुत हो गया, और नहीं काटा जाएगा बेचारे से...

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  8. आजकल के कौव्वे भी नकली है। कहाँ काटते हैं।
    या फिर उनकी काट में असर नहीं।

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  9. कव्वे से सहानुभूति! गलत जगह काट रहा है! :)

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  10. लगाता है अब तो कार्टून ही बनाने पड़ेंगे!
    लोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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  11. इनको काटने की क्षमता कौवे में नहीं.बेचारा चोंच मार मार के थक जाएगा.

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  12. bechara kawva, socha na tha kabhi aisa bhi din dekhana padega,ab chonch ki dhar tez karwae yatransplant karvaye?

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