पिज्जा के टुक्कड़ भी होते हैं और बहुत भले लगते हैं वो बात दीगर है कि बाद में तंग बहुत करते हैं जेब को खाली करते पेट को मैदा से भरते फिर भी सब इसी को खाने को न जाने क्यों मचलते हैं ?
काजल कुमार जी, तय नहीं कर पा रहा हूं कि आपके बनाये कार्टून और आपके कमेंटस में से ज्यादा बेहतर किसे कहा जाये, बहरहाल दोनों सोचने पर मजबूर करते हैं। एक प्रश्न है, पिछले दिनों हिमाचल परिवहन निगम की एक बहुत खूबसूरत(वाकई) बस, दिल्ली बस अड्डे पर देखी। उस पर सजावटी ढंग से लिखा था ’हिमसुत्ता’। कुछ अटपटा सा लगा। सुता तो पुत्री को कहा जाता है, लेकिन क्या ’सुत्ता’ सही शब्द है ? हो सकता है हिमाचली में ऐसा ही बोला जाता है, यही सुनिश्चित करना चाहता था तब एक और बात पर ध्यान गया, उत्तरांचल के तो बहुत से ब्लागर नेट पर सक्रिय हैं लेकिन हिमाचल से केवल आपका ही ध्यान आया, सो यह प्रश्न आपकी तरफ़ ठेल दिया है, क्रपया सीरियसली बताने का कष्ट करे। अगर ठीक लिखा गया है तो हमारा ग्यान बढेगा और यदि गलत है तो इसे ठीक करवाने का प्रयास करेंगे ताकि खूबसूरत बस और भी खूबसूरत दिख सके।
पिज्जा के टुक्कड़ भी होते हैं
जवाब देंहटाएंऔर बहुत भले लगते हैं
वो बात दीगर है
कि बाद में तंग बहुत करते हैं
जेब को खाली करते
पेट को मैदा से भरते
फिर भी सब इसी को खाने
को न जाने क्यों मचलते हैं ?
ये पिज्जा कैसा लगता है भाई?
जवाब देंहटाएंबच्चे की मांग तो जायज है !!
जवाब देंहटाएंमांग जायज है।
जवाब देंहटाएंShee hai.
जवाब देंहटाएंha ha ha!!!!!!!!!!!: )
जवाब देंहटाएंPizza ki mang galat kahan??
bechara bachcha!
bachha hoshiyaar hai
जवाब देंहटाएंछोरे में विदेश राज्यमंत्री बनने के लक्षण दिख रहे हैं !
जवाब देंहटाएंनहीं तो कम से कम बर्गर तो चाहिए ही....
जवाब देंहटाएंउसे भी पता है की पिज्जा ३० मिनट में ज़रूर मिल जायेगा। रोटी का क्या bharosa।
जवाब देंहटाएंबढ़िया कार्टून!
जवाब देंहटाएंउत्कर्षों के उच्च शिखर पर चढ़ते जाओ।
पथ आलोकित है, आगे को बढ़ते जाओ।।
पिज्जा छी छी, अबे टुकड्ड खा :)
जवाब देंहटाएंसही है।
जवाब देंहटाएंतरक्की पर है देश.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया।
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बारिश की वो सोंधी खुश्बू क्या कहती है?
क्या सुरक्षा के लिए इज्जत को तार तार करना जरूरी है?
काजल कुमार जी, तय नहीं कर पा रहा हूं कि आपके बनाये कार्टून और आपके कमेंटस में से ज्यादा बेहतर किसे कहा जाये, बहरहाल दोनों सोचने पर मजबूर करते हैं। एक प्रश्न है, पिछले दिनों हिमाचल परिवहन निगम की एक बहुत खूबसूरत(वाकई) बस, दिल्ली बस अड्डे पर देखी। उस पर सजावटी ढंग से लिखा था ’हिमसुत्ता’। कुछ अटपटा सा लगा। सुता तो पुत्री को कहा जाता है, लेकिन क्या ’सुत्ता’ सही शब्द है ? हो सकता है हिमाचली में ऐसा ही बोला जाता है, यही सुनिश्चित करना चाहता था तब एक और बात पर ध्यान गया, उत्तरांचल के तो बहुत से ब्लागर नेट पर सक्रिय हैं लेकिन हिमाचल से केवल आपका ही ध्यान आया, सो यह प्रश्न आपकी तरफ़ ठेल दिया है, क्रपया सीरियसली बताने का कष्ट करे। अगर ठीक लिखा गया है तो हमारा ग्यान बढेगा और यदि गलत है तो इसे ठीक करवाने का प्रयास करेंगे ताकि खूबसूरत बस और भी खूबसूरत दिख सके।
जवाब देंहटाएंपित्जा युग की संतान पित्जा नहीं मांगेगी तो टीवी देखना व्यर्थ नहीं हो जाएगा काजल बाबू....
जवाब देंहटाएंरही बात कविता की तो एक दो दिन में पढ़वाता हूं
sahi hai...
जवाब देंहटाएंpizza yug hai ..
ha ha ha