गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

कार्टून : कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना.

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"कार्टून वाच, रायपुर, छतीसगढ़"

10 टिप्‍पणियां:

  1. सुनने से ज्‍यादा

    देखने में आएगा

    आनंद परमानंद।

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  2. चीयर्स चीयर्स चीयर्स
    वाह वाह वाह

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सही जी. और एक पे एक फ़्री वाला तो माशाअल्लाह...क्या कहने?:)

    रामराम.

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  4. एक छोटी सी रचना है मेरी....
    आपके इस बड़े सुन्दर कार्टून के सामने छोटी सी है,
    पर अनुमति हो तो प्रस्तुत है..

    "संसद में भी दान का कोई स्थान नहीं है,
    इतने वर्षों में इसने देश को कुछ दिया नहीं है,
    उसके गलियारों में केवल खरीददारी होती है,
    बाहर बैठी भूखी, नंगी, बीमार जनता रोती है॥

    दानी को यहाँ नहीं मिलेगा कभी पानी,
    दलाली के बाजार में नहीं संसद का सानी,
    दानी तो वो, जो जरूरत मंदों को देता है,
    जो उनसे भी छीन के खाए, वो नेता है.."

    बाकी मेरे ब्लॉग पर है...

    सुन्दर कार्टून पर बधाई..

    ~जयंत

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