CARTOON, SATIRE, HUMOR, POLITICS, COMIC, LITERATURE, CARICATURE, LAMPOON, SKIT, RIDICULE, MOCKERY, SARCASTIC
वाह आपने तो सीकर के एक कोमरेड तिरलोक सिंह की याद दिला दी वे अक्सर अपनी सभा में कहते थे अरे गधों एक बार तो मुझे ठोकर मार मार कर ही दिल्ली तक पहुंचा दो !
जो होता है नेताओं के मन मेंआपने तख्ती बना केपहुंचा दिया जन मन गण मेंआंगन में, प्रांगण में।
नेता तो यही सोचते है।
अपने अपने जूते चप्पल सम्भालो..... :)
लगता है आप इस ताऊ नेता को पिटवा कर ही छोडोगे .:) जो इस की दिल की बात लिख कर हाथ मे थमा दी?
सही बात। मूर्ख ही तो वोट देते हैं:))
हा हा हा.. मूर्खतंत्र जिंदाबाद
काजल जी,आपके कार्टून्स के बारे में क्या कहूँ...शब्द नहीं ढूंढ़ पाता हूँ,इसलिए चुप ही रहूँ...अति सुन्दर.~जयंत
बहुत खूब काजल जी . हम मूर्खों को कोंचने के लिए धन्यवाद
वाह आपने तो सीकर के एक कोमरेड तिरलोक सिंह की याद दिला दी वे अक्सर अपनी सभा में कहते थे अरे गधों एक बार तो मुझे ठोकर मार मार कर ही दिल्ली तक पहुंचा दो !
जवाब देंहटाएंजो होता है
जवाब देंहटाएंनेताओं के मन में
आपने तख्ती बना के
पहुंचा दिया जन मन गण में
आंगन में, प्रांगण में।
नेता तो यही सोचते है।
जवाब देंहटाएंअपने अपने जूते चप्पल सम्भालो..... :)
जवाब देंहटाएंलगता है आप इस ताऊ नेता को पिटवा कर ही छोडोगे .:) जो इस की दिल की बात लिख कर हाथ मे थमा दी?
जवाब देंहटाएंसही बात। मूर्ख ही तो वोट देते हैं:))
जवाब देंहटाएंहा हा हा.. मूर्खतंत्र जिंदाबाद
जवाब देंहटाएंकाजल जी,
जवाब देंहटाएंआपके कार्टून्स के बारे में क्या कहूँ...
शब्द नहीं ढूंढ़ पाता हूँ,
इसलिए चुप ही रहूँ...
अति सुन्दर.
~जयंत
बहुत खूब काजल जी . हम मूर्खों को कोंचने के लिए धन्यवाद
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