आपकी इस कार्टून की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
काजल भाई बहुत सुन्दर ....आप के ये कार्टून रचना और लेख से भी ज्यादा कह के प्रभावी बन जाते हैं -बधाई आइये जोर लगाए रहें कुछ हवा चले और ये पतंग नीचे की तरफ लहराए .......... भ्रमर ५ भ्रमर का दर्द और दर्पण अभिनन्दन करता है आप का
कितने ऊपर तक जायेगी ये पतंग??
जवाब देंहटाएंपता नहीं कौन लूटेगा इसे।
जवाब देंहटाएंआपकी इस कार्टून की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें!
जवाब देंहटाएंअधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
हँसी हँसी में गहरी बात .....
जवाब देंहटाएंउस पार वाली खुदरा दुकानों वाले लूटने वाले हैं इसे :)
जवाब देंहटाएंसही नब्ज़ पकड़ी काजल साहब.
जवाब देंहटाएंSharp!
जवाब देंहटाएंतब यह कटेगी कैसे ?
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंबिल्कुल वैसे ही जैसे माल्या जी के नाम से किंगफिशर उड़ रही थी अब तक!?
जवाब देंहटाएंmast cartoon...
जवाब देंहटाएंBina dor kee patang ko to koyee loot bhee nahee sakta!
जवाब देंहटाएंAapko soojh kaise jaate hain ye wishay.....hairan ho jatee hun!
बहुत सही ....समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है ..
जवाब देंहटाएंबढ़िया नाम है :) खूब उड़ेगी .
जवाब देंहटाएंArvind Mishra जी व kshama जी
जवाब देंहटाएंयह बिना डोर की पतंग किसी के काबू में है ही कहां बस ये तो ऊपर ही ऊपर उठती चली जाने वाली पतंग है :)
बिना डोर के ही chal रहा है sab कुछ ।
जवाब देंहटाएंडोर है भी तो ---
यह तो कटी पतंग है, किसी के हाथ आने वाली नहीं :)
जवाब देंहटाएंbadhiya kataksh
जवाब देंहटाएंकाजल भाई बहुत सुन्दर ....आप के ये कार्टून रचना और लेख से भी ज्यादा कह के प्रभावी बन जाते हैं -बधाई
जवाब देंहटाएंआइये जोर लगाए रहें कुछ हवा चले और ये पतंग नीचे की तरफ लहराए ..........
भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण अभिनन्दन करता है आप का
ऊपर ही ऊपर जायेगी ये बिना डोर वाली:)
जवाब देंहटाएंऊपर ही ऊपर जायेगी ये बिना डोर वाली:)
जवाब देंहटाएंकटु सत्य!
जवाब देंहटाएंमहंगाई बिना पंख वाला परिंदा है जो अफवाह की तरह बढ़ता है विस्तार पाता है .बहुत अच्छा व्यंग्य .राहोल बाबा भी तो ऐसे ही उड़ रहें हैं पूतना प्रदेश में .
जवाब देंहटाएंसटीक
जवाब देंहटाएंGyan Darpan
.
महंगाई बेलगाम हो चुकी है। बहुत सुंदर।
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