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रविवार, 27 नवंबर 2011

कार्टून:- अहा कांटा लगा... :)


18 टिप्‍पणियां:

  1. अदभुत ! अदभुत ! अदभुत ! आपके विजन की स्तुति में अन्य कोई शब्द नहीं मेरे पास !

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  2. वाह, हम पुराने समय में चलते हैं तब तो।

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  3. बहुत बढ़िया ।
    पूर्वजों से ही कुछ सीख लें ।

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  4. वाह! क्या बात है.
    चांटे का कांटा तो कष्टकारी है जी.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,काजल भाई.

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  5. रुस्तम सोहराब तो आज भी बने रहतें हैं सुरक्षा कर्मियों से घिरे रहतें हैं फिर भी अ -सुरक्षित वी आई पी सुरक्षा की ऐसी की तैसी कर देती है पब्लिक और उसका गुस्सा .

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  6. अब इन्हें भी ऐसा ही कोई इंतजाम करना पड़ेगा|

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  7. ई वाला चांटा नहीं खाता था क्योंकि वह 'और' भी कुछ नहीं खाता था :-)

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  8. थप्पड़ की प्रशंसा निंदनीय है
    जो लोग आज शरद पवार के थप्पड़ मारने और उन्हें कृपाण दिखाने वाले सरदार हरविंदर सिंह की प्रशंसा कर रहे हैं,
    क्या वे लोग तब भी ऐसी ही प्रशंसा करेंगे जबकि उनकी पार्टी के लीडर के थप्पड़ मारा जाएगा ?
    हम शरद पवार को कभी पसंद नहीं करते लेकिन नेताओं के साथ पब्लिक मारपीट करे, इसकी तारीफ़ हम कभी भी नहीं कर सकते। इस तरह कोई सुधार नहीं होता बल्कि केवल अराजकता ही फैलती है। अराजक तत्वों की तारीफ़ करना भी अराजकता को फैलने में मदद करना ही है, जो कि सरासर ग़लत है।
    सज़ा देने का अधिकार कोर्ट को है।
    कोर्ट का अधिकार लोग अपने हाथ में ले लेंगे तो फिर अराजकता फैलेगी ही और हुआ भी यही शरद पवार के प्रशंसक ने शुक्रवार को हरविंदर सिंह को थप्पड़ मार दिया है।

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  9. नेतवा शिरस्त्राण पहन कर चले तो मजा आ जाये! :)

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  10. बढ़िया आइडिया है जी, शरद पवार वगैरह को मेल कीजिये इस कार्टून का लिंक।

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