रुस्तम सोहराब तो आज भी बने रहतें हैं सुरक्षा कर्मियों से घिरे रहतें हैं फिर भी अ -सुरक्षित वी आई पी सुरक्षा की ऐसी की तैसी कर देती है पब्लिक और उसका गुस्सा .
थप्पड़ की प्रशंसा निंदनीय है जो लोग आज शरद पवार के थप्पड़ मारने और उन्हें कृपाण दिखाने वाले सरदार हरविंदर सिंह की प्रशंसा कर रहे हैं, क्या वे लोग तब भी ऐसी ही प्रशंसा करेंगे जबकि उनकी पार्टी के लीडर के थप्पड़ मारा जाएगा ? हम शरद पवार को कभी पसंद नहीं करते लेकिन नेताओं के साथ पब्लिक मारपीट करे, इसकी तारीफ़ हम कभी भी नहीं कर सकते। इस तरह कोई सुधार नहीं होता बल्कि केवल अराजकता ही फैलती है। अराजक तत्वों की तारीफ़ करना भी अराजकता को फैलने में मदद करना ही है, जो कि सरासर ग़लत है। सज़ा देने का अधिकार कोर्ट को है। कोर्ट का अधिकार लोग अपने हाथ में ले लेंगे तो फिर अराजकता फैलेगी ही और हुआ भी यही शरद पवार के प्रशंसक ने शुक्रवार को हरविंदर सिंह को थप्पड़ मार दिया है।
अदभुत ! अदभुत ! अदभुत ! आपके विजन की स्तुति में अन्य कोई शब्द नहीं मेरे पास !
जवाब देंहटाएंवाह, हम पुराने समय में चलते हैं तब तो।
जवाब देंहटाएंNice..:) :) :)..
जवाब देंहटाएंplease come to this site-
जवाब देंहटाएंhttp://blogkiduniya.blogspot.com/
Oh....ha,ha,ha! Brilliant!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंपूर्वजों से ही कुछ सीख लें ।
वाह! क्या बात है.
जवाब देंहटाएंचांटे का कांटा तो कष्टकारी है जी.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,काजल भाई.
रुस्तम सोहराब तो आज भी बने रहतें हैं सुरक्षा कर्मियों से घिरे रहतें हैं फिर भी अ -सुरक्षित वी आई पी सुरक्षा की ऐसी की तैसी कर देती है पब्लिक और उसका गुस्सा .
जवाब देंहटाएंअब इन्हें भी ऐसा ही कोई इंतजाम करना पड़ेगा|
जवाब देंहटाएंई वाला चांटा नहीं खाता था क्योंकि वह 'और' भी कुछ नहीं खाता था :-)
जवाब देंहटाएंथप्पड़ की प्रशंसा निंदनीय है
जवाब देंहटाएंजो लोग आज शरद पवार के थप्पड़ मारने और उन्हें कृपाण दिखाने वाले सरदार हरविंदर सिंह की प्रशंसा कर रहे हैं,
क्या वे लोग तब भी ऐसी ही प्रशंसा करेंगे जबकि उनकी पार्टी के लीडर के थप्पड़ मारा जाएगा ?
हम शरद पवार को कभी पसंद नहीं करते लेकिन नेताओं के साथ पब्लिक मारपीट करे, इसकी तारीफ़ हम कभी भी नहीं कर सकते। इस तरह कोई सुधार नहीं होता बल्कि केवल अराजकता ही फैलती है। अराजक तत्वों की तारीफ़ करना भी अराजकता को फैलने में मदद करना ही है, जो कि सरासर ग़लत है।
सज़ा देने का अधिकार कोर्ट को है।
कोर्ट का अधिकार लोग अपने हाथ में ले लेंगे तो फिर अराजकता फैलेगी ही और हुआ भी यही शरद पवार के प्रशंसक ने शुक्रवार को हरविंदर सिंह को थप्पड़ मार दिया है।
नेतवा शिरस्त्राण पहन कर चले तो मजा आ जाये! :)
जवाब देंहटाएंअब डेमोक्रेसी का युग है भैया :(
जवाब देंहटाएंअब शायद ऐसा ही कोई इंतजाम करें ..
जवाब देंहटाएंहाँ गूँज तो अभी तक बरकार है चाँटे की!
जवाब देंहटाएंहा-हा-हा
जवाब देंहटाएंआजकल के नेता तो नालायक है सबके सब :)
जवाब देंहटाएंबढ़िया आइडिया है जी, शरद पवार वगैरह को मेल कीजिये इस कार्टून का लिंक।
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