सच्चा कलाकार हिंसक नहीं हो सकता है ,वह किसी भी वाद-विवाद को कानूनी ढंग से ही सुलझाएगा ,लेकिन दुर्भाग्य की आज नकली कलाकार ज्यादा हो गए हैं / दिल्ली में पूरे देश के ब्लोगर सभा का आयोजन कल दिनांक -23 /05 /2010 को नागलोई मेट्रो स्टेशन के पास जाट धर्मशाला में किया जा रहा है / आप सब से हमारा आग्रह है की आपलोग अविनाश जी के संपर्क में रहिये और उनकी हार्दिक सहायता हर प्रकार से कीजिये / अविनाश जी का मोबाइल नंबर है -09868166586 -एक बार फिर आग्रह आप लोग जरूर आये और एकजुट हों क्योंकि एकजुट होकर ही इंसानियत को बचाया जा सकता है / अंत में जय ब्लोगिंग मिडिया और जय सत्य व न्याय आपका अपना -जय कुमार झा ,09810752301 ,
आज ही कहीं पढ़ रहा था खुशवंत सिंह का कालम जिसमें उन्होंने टैगोर को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वे किस तरह से हवाई अड्डे पर पिटते पिटते बचे ! किसी सभा में किसी अन्य बांग्ला कवि के शब्द शिल्प को ठाकुर से बेहतर कह बैठे थे :)
संगीतकार तो कवि की तुलना में वैसे भी 'वेल इक्विप्ड' होता है :)
ऐसे संगीतकारों से तो बचके रहना भई !!
जवाब देंहटाएंसच्ची में ये तो बहुत सावधान होने ही ज़रूरत है..मजेदार काजल जी धन्यवाद
जवाब देंहटाएं... ऎसा ब्लागिंग में भी संभव है !!!
जवाब देंहटाएंसच्चा कलाकार हिंसक नहीं हो सकता है ,वह किसी भी वाद-विवाद को कानूनी ढंग से ही सुलझाएगा ,लेकिन दुर्भाग्य की आज नकली कलाकार ज्यादा हो गए हैं /
जवाब देंहटाएंदिल्ली में पूरे देश के ब्लोगर सभा का आयोजन कल दिनांक -23 /05 /2010 को नागलोई मेट्रो स्टेशन के पास जाट धर्मशाला में किया जा रहा है / आप सब से हमारा आग्रह है की आपलोग अविनाश जी के संपर्क में रहिये और उनकी हार्दिक सहायता हर प्रकार से कीजिये / अविनाश जी का मोबाइल नंबर है -09868166586 -एक बार फिर आग्रह आप लोग जरूर आये और एकजुट हों क्योंकि एकजुट होकर ही इंसानियत को बचाया जा सकता है /
अंत में जय ब्लोगिंग मिडिया और जय सत्य व न्याय
आपका अपना -जय कुमार झा ,09810752301 ,
ज़ाहिर है , बड़ा सोलिड होता है ।
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
मज़ेदार है..."
जवाब देंहटाएंबाबू मोशाय आपनार उच्चारण ठीक नाई तो...रोबिन्द्रो सोंगीत बोलने का...एक ठो गुमर तोमाके खोपड़ी भितोरे बनाय देबो....
जवाब देंहटाएंसंगीतकार के अन्दर का मर्म
जवाब देंहटाएंये संगीतकार कौन से घराने से सम्बंध रखते हैं...:-)
जवाब देंहटाएंबच के बाबा कल ब्लांगरो का भी यह हाल हो सकता है
जवाब देंहटाएंबिल्कुल कसा लगता है। ढीला कहां? नाशपाती जैसा होता है। मैने तो खाया है! :)
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया♥
जवाब देंहटाएंकाश कवियों का भी कुछ इलाज बताते!
आज ही कहीं पढ़ रहा था खुशवंत सिंह का कालम जिसमें उन्होंने टैगोर को अपना आदर्श बताते हुए कहा कि वे किस तरह से हवाई अड्डे पर पिटते पिटते बचे ! किसी सभा में किसी अन्य बांग्ला कवि के शब्द शिल्प को ठाकुर से बेहतर कह बैठे थे :)
जवाब देंहटाएंसंगीतकार तो कवि की तुलना में वैसे भी 'वेल इक्विप्ड' होता है :)