गुरुवार, 20 जून 2013

कार्टून :- प्रभु बाढ़ रोज़-रोज़ भेज


11 टिप्‍पणियां:

  1. प्रायोजकों को तो माल कूटने से मतलब है. उनको इंसानियत से क्या लेना देना?:(

    रामराम.

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  2. आपकी ये कृति, "मैं हिंदी भाषी हूँ" फेसबुक पेज पर साझा की गई है. सूचनार्थ
    ~ अनूषा
    https://www.facebook.com/pages/मैं-हिंदी-भाषी-हूँ/151949304899749?ref=hl

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  3. ऐसी दुआ मत कीजिए भैया...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (21-06-2013) के "उसकी बात वह ही जाने" (शुक्रवारीय चर्चा मंचःअंक-1282) पर भी होगी!
    --
    रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए शुक्रवार की चर्चा मैंने ही लगाई है।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. वाह जी वाह !यह भी खूब नस पकड़ी अपने वक्त की .

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