आपकी ये कृति, "मैं हिंदी भाषी हूँ" फेसबुक पेज पर साझा की गई है. सूचनार्थ ~ अनूषा https://www.facebook.com/pages/मैं-हिंदी-भाषी-हूँ/151949304899749?ref=hl
ऐसी दुआ मत कीजिए भैया...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (21-06-2013) के "उसकी बात वह ही जाने" (शुक्रवारीय चर्चा मंचःअंक-1282) पर भी होगी! -- रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए शुक्रवार की चर्चा मैंने ही लगाई है। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्रचार ही विचार है..
जवाब देंहटाएंयही तो दुर्भाग्य है हम सबका.
जवाब देंहटाएंतबाही पर भी प्रायोजक
जवाब देंहटाएंप्रायोजकों को तो माल कूटने से मतलब है. उनको इंसानियत से क्या लेना देना?:(
जवाब देंहटाएंरामराम.
haa-haa-haa
जवाब देंहटाएंकड़वा सच
जवाब देंहटाएंआपकी ये कृति, "मैं हिंदी भाषी हूँ" फेसबुक पेज पर साझा की गई है. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएं~ अनूषा
https://www.facebook.com/pages/मैं-हिंदी-भाषी-हूँ/151949304899749?ref=hl
ऐसी दुआ मत कीजिए भैया...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल शुक्रवार (21-06-2013) के "उसकी बात वह ही जाने" (शुक्रवारीय चर्चा मंचःअंक-1282) पर भी होगी!
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रविकर जी अभी व्यस्त हैं, इसलिए शुक्रवार की चर्चा मैंने ही लगाई है।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जवाब देंहटाएंवाह जी वाह !यह भी खूब नस पकड़ी अपने वक्त की .
jo log kamane baithe hain unaki to?
जवाब देंहटाएंकहीं होली , कहीं दीवाली !
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