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ज़रूर चल निकलेगा ये काम तो
नायाब आइडिया. इसे तो अमात्य होना चाहिये...
आइडियों की कमी थोड़े है इंडिया में :) वैसे एक आइडिया मैं भी आपको देना चाहता हूँ काजल साहब कि कृपया आप अपना ब्लॉग और उससे लिंक्ड विज्ञापन चेक करवाइए, मेरा कंप्यूटर वाइरस की चेतावनी देता है !
वास्तव में ऐसा ही है अब तो दाम बढ़ने का कोई ठिकाना ही नहीं रहा
यही हकीकत है. जब अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में रेट इतने नहीं बढ़ रहे तो हमारे यहाँ कहाँ से बढ़ रहे हैं.
बहुत धांसू आईडिया है.:)रामराम.
सब अंदाज़े से ही चल रहा है।
हाँ बढ़ाने का नया कार्य आ गया है।
तौबा-तौबा ....हद है :P
चोखा धंधा है
बहती गंगा में हाथ धोना !
यही है जन मनोविज्ञान काजल भाई जनता की नवज और बेबसी पकड़ो दोहन करो .बहुत सशक्त चित्र व्यंग्य .
ज़रूर चल निकलेगा ये काम तो
जवाब देंहटाएंनायाब आइडिया. इसे तो अमात्य होना चाहिये...
जवाब देंहटाएंआइडियों की कमी थोड़े है इंडिया में :) वैसे एक आइडिया मैं भी आपको देना चाहता हूँ काजल साहब कि कृपया आप अपना ब्लॉग और उससे लिंक्ड विज्ञापन चेक करवाइए, मेरा कंप्यूटर वाइरस की चेतावनी देता है !
जवाब देंहटाएंवास्तव में ऐसा ही है अब तो दाम बढ़ने का कोई ठिकाना ही नहीं रहा
जवाब देंहटाएंयही हकीकत है. जब अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में रेट इतने नहीं बढ़ रहे तो हमारे यहाँ कहाँ से बढ़ रहे हैं.
जवाब देंहटाएंबहुत धांसू आईडिया है.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
सब अंदाज़े से ही चल रहा है।
जवाब देंहटाएंहाँ बढ़ाने का नया कार्य आ गया है।
जवाब देंहटाएंतौबा-तौबा ....हद है :P
जवाब देंहटाएंचोखा धंधा है
जवाब देंहटाएंबहती गंगा में हाथ धोना !
जवाब देंहटाएंयही है जन मनोविज्ञान काजल भाई जनता की नवज और बेबसी पकड़ो दोहन करो .बहुत सशक्त चित्र व्यंग्य .
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