सही कर रहे हैं आप. मैंने भी इस कार्टूनिस्ट पट्ठे को अभी कल ही समझाया था कि मान जा, तेरे पास पत्ता-कटोरी के अलावा मुडी भी है. नहीं माना. और देख लो आज आ ही गई इसकी गुद्दी भी हाथ में :(
तेल , आग कुछ भी मत बरबाद करो अपने हाल पर मरने को छोड़ दो। अब तो हमने इसका सब कुछ निचोड़ ही लिया है इसमें अब बचा ही क्या है जो तेल , आग बरबाद करे ।।तेल , आग कुछ भी मत बरबाद करो अपने हाल पर मरने को छोड़ दो। अब तो हमने इसका सब कुछ निचोड़ ही लिया है इसमें अब बचा ही क्या है जो तेल , आग बरबाद करे ।।
...तेल क्यों बरबाद करते हो,सीधे आग में झोंक दो :-)
जवाब देंहटाएंHe Raam!
जवाब देंहटाएंइसकी खाल का तो जूता भी न बनने का.
जवाब देंहटाएंये उलटा लटका वही वाला हैं न जो कल डीजल के दामों के विषय में मौन सिंह को बोल रहा था कि मेरा क्या उखाड़ लेगा ? :)
जवाब देंहटाएंसही कर रहे हैं आप. मैंने भी इस कार्टूनिस्ट पट्ठे को अभी कल ही समझाया था कि मान जा, तेरे पास पत्ता-कटोरी के अलावा मुडी भी है. नहीं माना. और देख लो आज आ ही गई इसकी गुद्दी भी हाथ में :(
हटाएंतेल , आग कुछ भी मत बरबाद करो
हटाएंअपने हाल पर मरने को छोड़ दो।
अब तो हमने इसका सब कुछ निचोड़ ही लिया है
इसमें अब बचा ही क्या है जो तेल , आग बरबाद करे ।।तेल , आग कुछ भी मत बरबाद करो
अपने हाल पर मरने को छोड़ दो।
अब तो हमने इसका सब कुछ निचोड़ ही लिया है
इसमें अब बचा ही क्या है जो तेल , आग बरबाद करे ।।
यूँ हो झोंक दो ....जल्दी करो ..अभी बहुत हैं ???
जवाब देंहटाएंYahi Bacha hai....
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक दिखाई है कांग्रेसियों की नौटंकी
जवाब देंहटाएं2014 tak kya bachega?
जवाब देंहटाएंgareebi / gareeb.../aam aadmi.. sab..?????...
पहले चमरी ही छुड़ा लो भाई
जवाब देंहटाएंकुछ भी करो पर मुझे दर्द होता ही अब कहां है?
झांेक दो या कच्चा ही चबा जाओ
उफ नहीं करूंगा..
खाल इस पर बची ही कहां है? पहले ही उधेड ली थी.
जवाब देंहटाएंरामराम
उधेड के झोंक डाला जाए
जवाब देंहटाएंतेल और लकड़ी भी क्यों बर्दाद करनी ....महंगाई ने पहले ही तो मार डाला है
जवाब देंहटाएंसटीक व्यंग करार प्रहार करता है आज की व्यवस्था पर.
जवाब देंहटाएंखाल मिल जाए तो छोडो मत
जवाब देंहटाएं