आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा। बालदिवस की शुभकामनाएँ!f
वाह वाह , भई वाह !
जवाब देंहटाएंधोबन को पैसे भी डबल देने पड़ते होंगे । :)
वाह! वाह!, मजेदार.
जवाब देंहटाएंबढ़िया शेर
जवाब देंहटाएंमजेदार
मजेदार
जवाब देंहटाएं@ बेमतलब सवाल ,
जवाब देंहटाएंगर पलंग पे चादर बराबर बीबी होती है
तो फिर ये दुखी आत्मा किधर सोती है :)
घर का मैल बाज़ार में धोना बुरी बात है जी :)
जवाब देंहटाएंHa,ha,ha!
जवाब देंहटाएंजरा धीरे-धीरे बोल बीवी सुन न ले..मस्त, लाजवाब कार्टून !
जवाब देंहटाएंभाह...भाह!!!
जवाब देंहटाएंक्या शेर है! गालिब भी पानी भरे इनपर! :)
जवाब देंहटाएंक्या शेर है! बकरी भी रो दे इनके दुख पर! :)
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
बालदिवस की शुभकामनाएँ!f
वाह ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंकल 16/11/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है।
धन्यवाद!
बहुत खूब छ गए अपने काजल कुमार .
जवाब देंहटाएंबात धोबन की कर रहें हैं पर धो आप रहे हैं .
जवाब देंहटाएंजिसे खुद को ढोने की फिकर न हो,वह धोबी के धोने की चिंता क्यों करे!
जवाब देंहटाएं:):) मतलब निकले या न निकले पर निकाल लिया जाता है ..
जवाब देंहटाएं:)))))
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