आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है! यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
वाकई में सही कह रहे हैं आप.
जवाब देंहटाएंकाजल भाई,मेरे ब्लॉग पर भी
आईयेगा.
इसीलिये ताऊओं के आगमन का जनता को हमेशा इंतजार रहता है.:) वैसे कभी कभी सडे हुये टमाटरों को निपटाने के लिये भी इनकी जरूरत पडती है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सही है , नेताओं के आगमन से एक बार तो भला हो ही जाता है ।
जवाब देंहटाएंयकीनन :)
जवाब देंहटाएंसही कहा
जवाब देंहटाएंसत्य वचन. कभी तो भला हो.
जवाब देंहटाएंसच यही है काजल भाई ! शुभकामनायें आपको !
जवाब देंहटाएंचलो इसी बहाने सफाई तो हो जाती है।
जवाब देंहटाएंउम्दीद पर दुनिया कायम है!
जवाब देंहटाएंआयेगा ऐसा समय भी!
आम लोग यही सोचते हैं।
जवाब देंहटाएंथैंक्स अ लॉट है जी नेताओं का।
जवाब देंहटाएंसड़कों में वैसे साफ़ करने के लिए बचा भी क्या है ?
जवाब देंहटाएंसौ फीसदी सच।
जवाब देंहटाएंबहुत सही.
जवाब देंहटाएंजनता तो आजकल यही गाती है..कभी मेरी गली भुल्ल के बी आया करो...
सत्य वचन.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया... सत्य कथन...
जवाब देंहटाएंसादर..
यह भी एक कारण है हमें नेताओं को न्योता देना चाहिए:)
जवाब देंहटाएंबिलकुल धन्यवाद ज्ञापन तो होना ही चाहिए इस बात पर.
जवाब देंहटाएंएक काम तो अच्छा हो जाता है नेताओं के आने से ..सटीक
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
जितना कुछ भी हो रहा है वह उन्हीं के बहाने होता है वर्ना तो ...
जवाब देंहटाएंsahi kaha...
जवाब देंहटाएंaur ye bhi ki roz-roz neta aaye to ligh bhi nahi jayegee...
plz ek cartoon ispe bhee... :)
:)
जवाब देंहटाएं