शनिवार, 12 मार्च 2011

कार्टून:-महंगाई कम हो रही है, हर चीज़ का रेट गिर रहा है...


23 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा....यानि कि जान इतनी सस्ती

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  2. नेता और दान ! या होने वाला है मतदान ! !

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  3. नोट का खेल शुरू? कुछ तो लफ़डा है.

    रामराम

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  4. हो भी सकता है, कोई बड़ी बात नहीं..

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  5. वाह!
    आज तो बहुत पैना कार्टून लगाया है आपने!

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  6. Bheekhmanga yah bhee to kah sakta tha: Aajkal ke hisaab se ek hazaar kaa note to deejiye! Ha,ha!

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  7. हा हा हा ! आख़िर भिखारी भी अकलमंद है ! भला सौ का नोट कोई यूँ ही देती है क्या?

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  8. :) हो भी सकता है. सेठ फ़्री में तो सौ रु. दे नहीं सकता..

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  9. Everyone is living in some kind of unknown fear. Unfortunately we all have lost faith in humanity. Even a beggar is finding it difficult to trust the giver. Glad to see a poor fellow has some moral values left in him but ironically the richer lot is corrupt.

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  10. भिखमंगों को भी पता है की भीख में सौ के नोट देने वाला जरूर कोई लूटेरा या खूनी ही होगा....अच्छे इंसान के पास तो इस देश में दो वक्त की रोटी भी नहीं है.....? इस देश के ज्यादातर अरबपति के बारे में आप खुद ही अंदाजा लगाइए.....

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  11. अरे...जान इतनी मंहगी है अब भी !

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  12. behad sateek vyangya karten hain zanaab kaajal kumaarji .
    badhaai .
    veerubhai .

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  13. जान की क़ीमत
    सौ रु से ज्यादा तो नहीं हो सकती....
    बहुत बढ़िया कटाक्ष !!

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  14. हो सकता है नोट वोट के लिये हो ।

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