शुक्रवार, 29 मई 2009

कार्टून :- अंधे ने बांटी रेवड़ी, अपने अपने को दी.

24 टिप्‍पणियां:

  1. अरे, बाजू वाले कमरे में हो आओ..कुछ रास्ता समझ आ जायेगा..नाराज होने से क्या होगा.

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  2. मूत्रालय मंत्रालय का अच्छा है संयोग।
    खुशी कहीं पे है अधिक दिखता कहीं वियोग।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  3. दागी हैं
    पहले से
    करोड़पति हैं
    फिर यह
    बवाल क्‍यों

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  4. क्यूँ नाराज होते हो? मलाई तो है।
    छुट्टियाँ जरूरी हैं. पर आप की कमी अखरेगी।

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  5. @ दिनेशराय द्विवेदी जी,
    आपके स्नेह के लिए विनम्र आभार.

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  6. इसको ताऊ के पास भिजवाईये. ताऊ इसको सिखायेगा कि जहां स्कोप नही है वहां रिश्वत का स्कोप कैसे बनाया जा सकता है?:)

    छुट्टियों के लिये आपको शुभकामनाएं. आपका अवकाश सुखद रहे. अब हमे सुबह का डोज लेने के लिये पुरानी पोस्ट देखनी पडेंगी जी.

    रामराम.

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  7. छुट्टियां जरूरी है। खूब मजे करके आइए और नए-नए कार्टूनों के लिए विचारों का खजाना लेकर लौटिए।

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  8. मजे से छुट्टियां मनाओ जी, तब तक हम पुराने कार्टून बार-बार देख कर खुश होते रहेंगे

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  9. छूट्टी पर जा रहे हैं? हमारा क्या होगा. अब कार्टून तो दिनचर्या के हिस्सा हो गए है....मगर कभी कभी अवकाश भी जरूरी है. मौज करें...जल्दी लौटें.

    मूत्रालय-मंत्रालय ने मुस्कान ला दी... :) कम मलाई वाला दूध (मंत्रालय) कौन पिये? बच्चे का रोना जायज है.

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  10. इन्‍हें परेशान होने की कोई आवश्‍यकता नहीं .. भ्रष्‍टाचार का कहीं भी स्‍कोप बना लेंगे।

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  11. बहुत बढ़िया!संगीता जी की बात में दम है!

    अवकाश हेतु शुभकामनायें.

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  12. @ ताऊ रामपुरिया -
    वाह - ताऊ अपना फोन नम्बर सार्वजनिक कर दो। बहुत से लोग सलाह मांगने को इच्छुक होंगे!

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  13. भई इनकी नाराजगी को वाकई में जायज है.....

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  14. "ये कम मलाई देख के रोते हैं...
    जबकि देश के लाखों बच्चे अभी तक भूखें सोते हैं..."

    "मंत्रालय,
    बन गए हैं बस,
    मूत्रालय,
    करे कोई, भुगते कोई.."

    काजल भाई साहेब, आपने कमाल कर दिया.
    छुट्टी मनाएँ, और ऊर्जा सहित वापस आयें.

    ~जयंत

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  15. Sanjay ji se prerit thi meri tippani.. Bolanaa bhul gayaa.

    Sanjay Ji,

    Kshamaa karen.

    ~Jayant

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  16. छुट्टियां जरा जरा
    और
    आकर के करना
    कार्टून को हरा भरा।

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  17. ... गजब कार्टून ... मजा ही मजा है !!!

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  18. काजल जी और संजय जी,

    आपके कार्टून और टिपण्णी से प्रेरित है मेरी ये रचना...
    कृपया पढ़े यदि समय हो तो.

    http://jayantchaudhary.blogspot.com/2009/05/blog-post_4968.html

    ~जयंत

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  19. कहाँ हैं सर जी? ५ दिन हो गए आपको यहाँ आये हुए??

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  20. हा..हा..हा...आपने तो उनकी औकात बताकर रख दी. मजा आ गया.
    ______________________
    विश्व पर्यावरण दिवस(५ जून) पर "शब्द-सृजन की ओर" पर मेरी कविता "ई- पार्क" का आनंद उठायें और अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएँ !!

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  21. मुझे तो लगता है इसलिए नाराज हैं कि एक भाई-भतीजा रह गया

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