बेटा छोटू ..बात तो तुमने पते की कही ... इनका चेहरा देखकर आदमी की भूख मर जाती है .. एअरलाइन सारा पैसा बचा लेती है तुम्हारा चेहरा और बातें सुनकर आदमी एक एक पैसा वसूल कर लेता है यही फर्क है जो तुम दोनों को एक सा काम होने पर भी एक दूसरे से अलग कर देता है
इस बीच शीशा देख लेता..तो ठीक रहता. :)
जवाब देंहटाएंवाह बिल्कुल हाजिर जवाब छोटू है..पर छोटु बेटा तेरी किस्मत इन आफ़तों जैसी रंगीन कहां?
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत तीखा व्यंग्य है। हम काम के आधार पर व्यक्ति का आकलन करते हैं तो छोटू सही कह रहा है। छोटू का भी शोषण उसके मालिक करते हैं और इनका भी। बधाई।
जवाब देंहटाएंछोटू बिलकुल सही कह रहा है , छोटू हिंदी बोलता है वह अंग्रेजी
जवाब देंहटाएंवाह ्वाह..
जवाब देंहटाएंभई वो हवा (में) खिलाती है :)
जवाब देंहटाएंWah...अच्छा व्यंग्य
जवाब देंहटाएंबेटा छोटू ..बात तो तुमने पते की कही ...
जवाब देंहटाएंइनका चेहरा देखकर आदमी की भूख मर जाती है ..
एअरलाइन सारा पैसा बचा लेती है
तुम्हारा चेहरा और बातें सुनकर
आदमी एक एक पैसा वसूल कर लेता है
यही फर्क है जो तुम दोनों को एक सा काम होने पर भी
एक दूसरे से अलग कर देता है
अब हम क्या बतायें - हमें तो अबे-तबे वाले का ही अनुभव है। थैन्क्यू-सॉरी वाली तो देखी नहीं! :)
जवाब देंहटाएंये छोटू नहाने जा रहा है तौलिया लटकाये
जवाब देंहटाएंया यहां भी पैसे न चुकाने पर बरतन।
वैसे एयरहोस्टेज सोच रही है कि इसे
अगर गोद में उठाकर दुलार लूं तो
शायद एक ऑस्कर भी मुझे मिल जाये।
हा हा हा । वाह।
जवाब देंहटाएंवाह :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही कटु व्यंग्य है ...
जवाब देंहटाएंबहुत तीखी धार है...
पता नहीं कितनो को दिखी..
मुझे तो घायल कर गई..
बधाई..
~जयंत