शुक्रिया काजल भाई आपकी टिपण्णी का असली आलेख इस सन्दर्भ में :"असली उल्लू कौन "था .आपके चित्र व्यंग्य आपकी कुशाग्र बुद्धि का प्रक्षेपण होतें हैं .आनंद ही आनंद मिलता है .आप सबके दिल की कह देते हैं .साधारणीकरण कर दते हैं जनभावना का आक्रोश का .शुक्रिया . ram ram bhai मुखपृष्ठ
अच्छा आइडिया है
जवाब देंहटाएंखिंचवा ही लेती हूँ किसी लाइब्रेरी में :)
जवाब देंहटाएं:)
हटाएंलेकिन फोटो टोपी उतार कर खिंचवाना पड़ेगा। :)
जवाब देंहटाएं...बस जूते ही गुस्से में हैं :-)
जवाब देंहटाएंसुपर आइडिया.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया व्यंग्य .
जवाब देंहटाएंबस थोड़ा चिन्तित दिखने की आवश्यकता है..
जवाब देंहटाएंमगर बुद्धिजीवी बनना ही क्यों -दो कौड़ी का आदमी
जवाब देंहटाएंमगर बुद्धिजीवी बनना ही क्यों -दो कौड़ी का आदमी
जवाब देंहटाएंव्यंगनात्मक बेहतरीन प्रस्तुती।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया काजल भाई आपकी टिपण्णी का असली आलेख इस सन्दर्भ में :"असली उल्लू कौन "था .आपके चित्र व्यंग्य आपकी कुशाग्र बुद्धि का प्रक्षेपण होतें हैं .आनंद ही आनंद मिलता है .आप सबके दिल की कह देते हैं .साधारणीकरण कर दते हैं जनभावना का आक्रोश का .शुक्रिया .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
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रविवार, 3 फरवरी 2013
असली उल्लू कौन ?
नुसखे सेहत के
नुसखे सेहत के
http://veerubhai1947.blogspot.in/
माथे पर एक प्रमाण-प्लेट भी चाहिए क्या ?
जवाब देंहटाएंकिताबों के आगे बैठकर फ़ोटो खिचवाने का आईडिया तो सही है पर किताबें कैसी होनी चाहियें? इसके लिये "ताऊ सद साहित्य" का नाम सुझाना था ना.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.