ऐ लो कुछ तो बाबा की बक बक पढ़ने की बाद अफसोस कर रहे थे की वो भी तिहाड़ जेल क्यों ना गये कल को पेंशन मिलने की संभावना थी और आप तो कह रहे है की अन्ना की पेन्शन ही बंद !!!!
मेरे बाप तू क्यों मेरी दुखती रग पर हाथ धर रिया हैगा?:( अन्ना का नाम मत ले, तिहाड में घुस गया और अब निकलने का नाम नही ले रिया हैगा, बस अब और नही, वो जो करे उसे करने दो, उसकी पेंशन डबल करदो, पर उसका नाम ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के सामने मत लो.
शुक्रिया इन चिरकुटों का ,कोंग्रेस को डुबोने का ,काजल के कार्टून,काजल जी इस दौर में सरकार के पास सिर्फ पद रह गएँ हैं प्रतीक नहीं ,इतना बौना प्रधान मंत्री बौने से भी बौना इससे पहले देश ने पहले कभी नहीं देखा ,दूर करो ,दफा करो इस काग भगोड़े ,पेंशन इस बिजूके की बंद करवाओ .जय अन्ना .जय श्री अन्ना .देश के "बन्ना"
बृहस्पतिवार, १८ अगस्त २०११ उनके एहंकार के गुब्बारे जनता के आकाश में ऊंचाई पकड़ते ही फट गए ... http://veerubhai1947.blogspot.com/ http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ Friday, August 19, 2011 संसद में चेहरा बनके आओ माइक बनके नहीं .
काजल भाई ,आप ने बिलकुल ठीक कहा है ,इन्हें नहीं मालूम तदानुभूति क्या होती है ?इन्हें सिर्फ एक सम्बन्ध मालूम है मम्मीजी . ram ram bhai
शनिवार, २० अगस्त २०११ कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार .... स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब । क्योंकि इन दिनों - "राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी , मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी . http://veerubhai1947.blogspot.com/
रोज़ी-रोटी की फ़िक्र करने वाले आंदोलन का नेतृत्व नहीं कर सकते और जो करते हैं,उन्हें रोज़ी-रोटी की फ़िक्र नहीं रह जाती। आप देख नहीं रहे,डिब्बे कितने सेकेंड में भरे जा रहे हैं!
सरकार जो न कर दे वो थोड़ा है ..
जवाब देंहटाएंऐ लो कुछ तो बाबा की बक बक पढ़ने की बाद अफसोस कर रहे थे की वो भी तिहाड़ जेल क्यों ना गये कल को पेंशन मिलने की संभावना थी और आप तो कह रहे है की अन्ना की पेन्शन ही बंद !!!!
जवाब देंहटाएंअमेरिका का हाथ होने का चार्ज काफी है पेंशन बन्द कराने को। राशिद आल्वी जी से सम्पर्क करें! :)
जवाब देंहटाएंवैसे इस सलाहकार की नौकरी भी जा सकती है। शायद उसने अन्ना की हिस्ट्री नहीं पढ़ी।
जवाब देंहटाएं74 वर्षीय की पेंशन क्यों रोकना?
जवाब देंहटाएंयहां कुछ भी हो सकता है...
जवाब देंहटाएंमेरे बाप तू क्यों मेरी दुखती रग पर हाथ धर रिया हैगा?:( अन्ना का नाम मत ले, तिहाड में घुस गया और अब निकलने का नाम नही ले रिया हैगा, बस अब और नही, वो जो करे उसे करने दो, उसकी पेंशन डबल करदो, पर उसका नाम ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के सामने मत लो.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सटीक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जी!
जवाब देंहटाएं--
अन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
आज जरूरत है जन-मन के सोये भाव जगाने की।।
यह तो होना ही है :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब. मेरा भारत महान.
जवाब देंहटाएंसरकार की नियत का सटीक खुलासा
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया जी!
जवाब देंहटाएंशुक्रिया इन चिरकुटों का ,कोंग्रेस को डुबोने का ,काजल के कार्टून,काजल जी इस दौर में सरकार के पास सिर्फ पद रह गएँ हैं प्रतीक नहीं ,इतना बौना प्रधान मंत्री बौने से भी बौना इससे पहले देश ने पहले कभी नहीं देखा ,दूर करो ,दफा करो इस काग भगोड़े ,पेंशन इस बिजूके की बंद करवाओ .जय अन्ना .जय श्री अन्ना .देश के "बन्ना"
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, १८ अगस्त २०११
उनके एहंकार के गुब्बारे जनता के आकाश में ऊंचाई पकड़ते ही फट गए ...
http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
Friday, August 19, 2011
संसद में चेहरा बनके आओ माइक बनके नहीं .
jordar
जवाब देंहटाएंवाकई मन में मन्त्री जी ने जरुर सोची होगी।
जवाब देंहटाएंकाजल भाई ,आप ने बिलकुल ठीक कहा है ,इन्हें नहीं मालूम तदानुभूति क्या होती है ?इन्हें सिर्फ एक सम्बन्ध मालूम है मम्मीजी .
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, २० अगस्त २०११
कुर्सी के लिए किसी की भी बली ले सकती है सरकार ....
स्टेंडिंग कमेटी में चारा खोर लालू और संसद में पैसा बंटवाने के आरोपी गुब्बारे नुमा चेहरे वाले अमर सिंह को लाकर सरकार ने अपनी मनसा साफ़ कर दी है ,सरकार जन लोकपाल बिल नहीं लायेगी .छल बल से बन्दूक इन दो मूढ़ -धन्य लोगों के कंधे पर रखकर गोली चलायेगी .सेंकडों हज़ारों लोगों की बलि ले सकती है यह सरकार मन मोहनिया ,सोनियावी ,अपनी कुर्सी बचाने की खातिर ,अन्ना मारे जायेंगे सब ।
क्योंकि इन दिनों -
"राष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,महाराष्ट्र की साँसे अन्ना जी ,
मनमोहन दिल हाथ पे रख्खो ,आपकी साँसे अन्नाजी .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
रोज़ी-रोटी की फ़िक्र करने वाले आंदोलन का नेतृत्व नहीं कर सकते और जो करते हैं,उन्हें रोज़ी-रोटी की फ़िक्र नहीं रह जाती। आप देख नहीं रहे,डिब्बे कितने सेकेंड में भरे जा रहे हैं!
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