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रविवार, 15 मई 2011

कार्टून:- पेट्रोल की क़ीमत बढ़े न बढ़े, मुझे क्या...

यह चुटकुला मैंने कहीं पढ़ा था...

34 टिप्‍पणियां:

  1. अभी तो गनीमत है टंकी में डालेगा। वह समय भी आयेगा जब सौ रुपये में हथेली में टपका देगा चार बूंन्दें! :)

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  2. कार्टून हंसने पर मजबूर कर रहा है लेकिन सिचुएशन गंभीर है...

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  3. हो सकता है अमिताभ बच्चन नया ऐड लेकर आएं -

    दो बूँद - पेटरउल के :)

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  4. बात तो सही कह रहा है लेकिन दिन ऐसा भी आ सकता है जब १०० में पेट्रोल पुमप पेट्रोल देने से ही मन कर दे.

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  5. यह चुटकला नहीं , हकीकत है भाई ।
    पिछले दस साल से हम भी यही कर रहे हैं । :)

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  6. अरे भाई हैरानी की क्या बात है ?
    सौ में स्कूटर जितना चलना होगा चल लेगा.
    बाकी का हम पैदल या साईकिल पर बिना स्कूटर के चल लेंगें.
    आखिर सेहत भी तो बड़ी चीज है.
    शुक्र मानो सरकार का कि पेट्रोल के दाम बढ़ा देती है,तभी तो पैदल या साईकिल पर चलना याद आएगा.

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  7. बढ़िया है ....कुछ दिनों में पेट्रोल का प्रयोग इत्र की तरह होने लगेगा और लूना का समय वापस आ जायेगा .....

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  8. दम है बन्दे में ,इसका सरकार क्या बिगाड़ लेगी !!

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  9. मजेदार कार्टून और रोचक टिप्पणियाँ....:)

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  10. और इसी तरह दूरियाँ कम हो जायेंगी।

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  11. यह् भी देखें
    http://phool-kante.blogspot.com/2010/12/blog-post_16.html

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  12. काजल कुमारजी !आम आदमी को क्या फर्क पड़ता है पेट्रोल के दाम बढ़ने से -
    उसके लिए तो -
    घर से ऑफिस ,ऑफिस से घर ,बस इतनी परवाज़ ज़िन्दगी ,
    दफ्तर की मोहताज़ ज़िन्दगी ।
    वह फिजियो वाली बात भी इस दौर में बड़ी मौजू है यहाँ विलायत में आके जो वेटर बन जाता है वह अपने होतेलियर ही कहता है .

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  13. सरकार को ऐसे समझदार मतदाताओं की ही दरकार है!

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  14. बहुत सुंदर, यह जर्मन चुटकला था,बहुत पुराना

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  15. Darshan Baweja
    खान : अरे पेट्रोल फिर से महंगा हो गया है 5 रूपये लीटर
    शैख़ : यु ही शोर मचाया है मै पहले भी 100 रुपयों का डलवाता था और अब भी 100 ही रुपयों का ही डलवाता हूँ अगर 5 रूपये महंगा होता तो वो मेरे से 105 रूपये लेता

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  16. हम साईकिल से चलते है, बाईक तो लम्बे सफ़र में काम आती है।
    बढा लो जितना भी।

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  17. यह तो खुशदीप सहगल का मक्खन लगता है ....

    यहाँ तेल निकल गया और यह सौ का ही डलवायेंगे :-(

    शुभकामनायें आपको !

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  18. ई पिटरोलवा जल्द ही २०-२० की तर्ज़ पर सेंचुरी भी ठोंक देगा !

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  19. अब तो भैया हम साईकिल की सवारी शुरू कर दिए हैं|
    साईकिल भी बड़ी उम्दा चीज है| मुफ्त की कसरत अलग से हो जाती है|
    जय हो प्रट्रोल देवता की !!इसी बहाने कुछ तो शरीर का सुधार हुआ !

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  20. अपना भी तो यही हाल है. जब जब दाम बढ़ाते हैं मारक छमता घटती जाती है

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  21. वाह! क्या बात है! शानदार और ज़बरदस्त प्रस्तुती!

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  22. बहुत बढ़िया...आइडिया बुरा नहीं है...

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