अरे भाई हैरानी की क्या बात है ? सौ में स्कूटर जितना चलना होगा चल लेगा. बाकी का हम पैदल या साईकिल पर बिना स्कूटर के चल लेंगें. आखिर सेहत भी तो बड़ी चीज है. शुक्र मानो सरकार का कि पेट्रोल के दाम बढ़ा देती है,तभी तो पैदल या साईकिल पर चलना याद आएगा.
काजल कुमारजी !आम आदमी को क्या फर्क पड़ता है पेट्रोल के दाम बढ़ने से - उसके लिए तो - घर से ऑफिस ,ऑफिस से घर ,बस इतनी परवाज़ ज़िन्दगी , दफ्तर की मोहताज़ ज़िन्दगी । वह फिजियो वाली बात भी इस दौर में बड़ी मौजू है यहाँ विलायत में आके जो वेटर बन जाता है वह अपने होतेलियर ही कहता है .
Darshan Baweja खान : अरे पेट्रोल फिर से महंगा हो गया है 5 रूपये लीटर शैख़ : यु ही शोर मचाया है मै पहले भी 100 रुपयों का डलवाता था और अब भी 100 ही रुपयों का ही डलवाता हूँ अगर 5 रूपये महंगा होता तो वो मेरे से 105 रूपये लेता
अब तो भैया हम साईकिल की सवारी शुरू कर दिए हैं| साईकिल भी बड़ी उम्दा चीज है| मुफ्त की कसरत अलग से हो जाती है| जय हो प्रट्रोल देवता की !!इसी बहाने कुछ तो शरीर का सुधार हुआ !
क्या बात है ....वाह :))
जवाब देंहटाएंअभी तो गनीमत है टंकी में डालेगा। वह समय भी आयेगा जब सौ रुपये में हथेली में टपका देगा चार बूंन्दें! :)
जवाब देंहटाएंकार्टून हंसने पर मजबूर कर रहा है लेकिन सिचुएशन गंभीर है...
जवाब देंहटाएंसही है :)
जवाब देंहटाएंहो सकता है अमिताभ बच्चन नया ऐड लेकर आएं -
जवाब देंहटाएंदो बूँद - पेटरउल के :)
बात तो सही कह रहा है लेकिन दिन ऐसा भी आ सकता है जब १०० में पेट्रोल पुमप पेट्रोल देने से ही मन कर दे.
जवाब देंहटाएंयह चुटकला नहीं , हकीकत है भाई ।
जवाब देंहटाएंपिछले दस साल से हम भी यही कर रहे हैं । :)
मैं भी...
जवाब देंहटाएंअच्छा निर्णय। उसके बाद सो जाना :)
जवाब देंहटाएंसही है! समझदारी की बात!
जवाब देंहटाएंअरे भाई हैरानी की क्या बात है ?
जवाब देंहटाएंसौ में स्कूटर जितना चलना होगा चल लेगा.
बाकी का हम पैदल या साईकिल पर बिना स्कूटर के चल लेंगें.
आखिर सेहत भी तो बड़ी चीज है.
शुक्र मानो सरकार का कि पेट्रोल के दाम बढ़ा देती है,तभी तो पैदल या साईकिल पर चलना याद आएगा.
बढ़िया है ....कुछ दिनों में पेट्रोल का प्रयोग इत्र की तरह होने लगेगा और लूना का समय वापस आ जायेगा .....
जवाब देंहटाएंये कार्टून अभी कई बार काम आएगा।
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंदम है बन्दे में ,इसका सरकार क्या बिगाड़ लेगी !!
जवाब देंहटाएंमजेदार कार्टून और रोचक टिप्पणियाँ....:)
जवाब देंहटाएंऔर इसी तरह दूरियाँ कम हो जायेंगी।
जवाब देंहटाएंयह् भी देखें
जवाब देंहटाएंhttp://phool-kante.blogspot.com/2010/12/blog-post_16.html
काजल कुमारजी !आम आदमी को क्या फर्क पड़ता है पेट्रोल के दाम बढ़ने से -
जवाब देंहटाएंउसके लिए तो -
घर से ऑफिस ,ऑफिस से घर ,बस इतनी परवाज़ ज़िन्दगी ,
दफ्तर की मोहताज़ ज़िन्दगी ।
वह फिजियो वाली बात भी इस दौर में बड़ी मौजू है यहाँ विलायत में आके जो वेटर बन जाता है वह अपने होतेलियर ही कहता है .
सरकार को ऐसे समझदार मतदाताओं की ही दरकार है!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंजवाब नहीं जी!
बहुत सुंदर, यह जर्मन चुटकला था,बहुत पुराना
जवाब देंहटाएंक्या करे बिचारा ..... बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंये सही है...
जवाब देंहटाएंDarshan Baweja
जवाब देंहटाएंखान : अरे पेट्रोल फिर से महंगा हो गया है 5 रूपये लीटर
शैख़ : यु ही शोर मचाया है मै पहले भी 100 रुपयों का डलवाता था और अब भी 100 ही रुपयों का ही डलवाता हूँ अगर 5 रूपये महंगा होता तो वो मेरे से 105 रूपये लेता
पोज़िटिव एटीच्यूड:)
जवाब देंहटाएंहम साईकिल से चलते है, बाईक तो लम्बे सफ़र में काम आती है।
जवाब देंहटाएंबढा लो जितना भी।
vah vaah kya baat hai kajal ji ..joradaar prastuti...
जवाब देंहटाएंयह तो खुशदीप सहगल का मक्खन लगता है ....
जवाब देंहटाएंयहाँ तेल निकल गया और यह सौ का ही डलवायेंगे :-(
शुभकामनायें आपको !
ई पिटरोलवा जल्द ही २०-२० की तर्ज़ पर सेंचुरी भी ठोंक देगा !
जवाब देंहटाएंअब तो भैया हम साईकिल की सवारी शुरू कर दिए हैं|
जवाब देंहटाएंसाईकिल भी बड़ी उम्दा चीज है| मुफ्त की कसरत अलग से हो जाती है|
जय हो प्रट्रोल देवता की !!इसी बहाने कुछ तो शरीर का सुधार हुआ !
अपना भी तो यही हाल है. जब जब दाम बढ़ाते हैं मारक छमता घटती जाती है
जवाब देंहटाएंवाह! क्या बात है! शानदार और ज़बरदस्त प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...आइडिया बुरा नहीं है...
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