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शनिवार, 15 मई 2010

ओल्ड इज़ गोल्ड


16 टिप्‍पणियां:

  1. करवाना क्या है जी, करना है. कागजों में अन्दर रह कर....

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  2. मैं सोच सोच कर थक गया कि इस कार्टून का नाम ‘ओल्ड इज गोल्ड’ क्यों रखा?

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  3. @ भाई नीरज जी
    क्योंकि अपराध की यह तकनीक बहुत पुरानी है लेकिन आज भी सफलतापूर्वक काम कर रही है :)

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  4. परिवार नियोजन कार्यक्रम को ऐसे निस्वार्थ लोग चाहियें जो समाज की भलाई के लिये सहर्ष जेल में रहने को तैयार हैं! :)

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  5. मर्डर की टेक्नीक तो ओल्ड इज गोल्ड है ही ...इसके साथ साथ जेलर साहब की पुलकित दन्तावली ओल्ड इज डायमंड का इज़हार भी कर रही है !

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  6. "ओल्ड इज गोल्ड" शीर्षक पढकर सोचे थे कि कार्टून शायद किसी पुराने ब्लागर पर होगा :-)

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  7. ये पुराना तरीका आज तक चल रहा है ?

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  8. पुराने नुस्खे अचूक होते हैं.
    साइबर युग में भी यह तरकीब उतनी ही कारगर है इन अपराधियों के लिए.
    यहाँ प्रश्नचिन्ह व्यवस्था पर भी है.

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  9. काजल जी, बाकी काम बाद में पहले जाट को समझाऒ.... नीचे वाले दोनो कार्टून भी टनाटन ....बधाई

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  10. Kya wyang hote hain aapke! Bolti band.
    Aazmaya hua purana tareeqa..kar lo jisko jo karna hai..!

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  11. मजे ही मजे हैं. जितने दिन जेल में रहेंगे ऐश करेंगे और बाहर काम भी हो जाएगा.

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  12. ओल्ड है
    इस लिए बोल्ड है
    तभी तो गोल्ड है ...
    !!

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