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खड़ाऊँ पर पड़े पैरों की छाप से निर्धारित हो कि किसकी है?
सुन्दर अभिव्यक्ति-आता जाता क्रोध है, खाता देता फाड़ |खड़ा खडाऊं के लिए, गीदड़ रहा दहाड़ ||
आता जाता क्रोध है, खाता देता फाड़ |खड़ा खडाऊं के लिए, चला झोंकने भाड़ |चला झोंकने भाड़, इकट्ठा करता ईंधन |ऊ धन का उपयोग, जिताए महा इलेक्शन |मोहन सत्ता सौंप, नहीं अब तुझको भाता |शहजादे का कोप, इसी से आता जाता ||
इतने सुंदर शब्दों के लिए आभार रविकर जी
वर्तमान में भरत और राम दोनों का ही चरित्र और मिजाज बदल चुका है.रामराम.
भारतीय राजनीति है ...यहाँ सब होता है
आगे आगे देखिये होता है क्या
बहुत बढिया
खड़ाऊँ पर पड़े पैरों की छाप से निर्धारित हो कि किसकी है?
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति-
जवाब देंहटाएंआता जाता क्रोध है, खाता देता फाड़ |
खड़ा खडाऊं के लिए, गीदड़ रहा दहाड़ ||
आता जाता क्रोध है, खाता देता फाड़ |
हटाएंखड़ा खडाऊं के लिए, चला झोंकने भाड़ |
चला झोंकने भाड़, इकट्ठा करता ईंधन |
ऊ धन का उपयोग, जिताए महा इलेक्शन |
मोहन सत्ता सौंप, नहीं अब तुझको भाता |
शहजादे का कोप, इसी से आता जाता ||
इतने सुंदर शब्दों के लिए आभार रविकर जी
हटाएंवर्तमान में भरत और राम दोनों का ही चरित्र और मिजाज बदल चुका है.
जवाब देंहटाएंरामराम.
भारतीय राजनीति है ...यहाँ सब होता है
जवाब देंहटाएंआगे आगे देखिये होता है क्या
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया
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