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आपने कुछ करने सोची ?
अब जहां वश चलेगा वहीं तो जाएंगे ...
यही करेंगे और क्या..
कुछ करिये..
वाह,धोबी पे बस नहीं तो गधइया के कान उमेठे !
wo bhi nahi kar sakte bhutan or nepal pahale se hi chin ke jeb me hai
ओर कर भी क्या सकते हैं?रामराम.
Helpless public!
WAAA RE SARKAR..BEBAS OUR BEKAR..!!
खुद को ही दो चपत लगा लें तो शायद नींद खुले :)
स्वप्न मन्जूषा जी की बात से सहमति है..
hahahahahahahaha....
बरबस मुस्कान आ गयी ...बधाई काजल भाई !
आपने कुछ करने सोची ?
जवाब देंहटाएंअब जहां वश चलेगा वहीं तो जाएंगे ...
जवाब देंहटाएंयही करेंगे और क्या..
जवाब देंहटाएंकुछ करिये..
जवाब देंहटाएंवाह,धोबी पे बस नहीं तो गधइया के कान उमेठे !
जवाब देंहटाएंwo bhi nahi kar sakte bhutan or nepal pahale se hi chin ke jeb me hai
जवाब देंहटाएंओर कर भी क्या सकते हैं?
जवाब देंहटाएंरामराम.
Helpless public!
जवाब देंहटाएंWAAA RE SARKAR..BEBAS OUR BEKAR..!!
जवाब देंहटाएंखुद को ही दो चपत लगा लें तो शायद नींद खुले :)
जवाब देंहटाएंस्वप्न मन्जूषा जी की बात से सहमति है..
जवाब देंहटाएंhahahahahahahaha....
जवाब देंहटाएंबरबस मुस्कान आ गयी ...
जवाब देंहटाएंबधाई काजल भाई !