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बुधवार, 23 मई 2012

कार्टून :- जो-जो जब-जब होना है, सो तो तब-तब होगा ही... मैं क्‍या करूं


15 टिप्‍पणियां:

  1. yahi to sawal he...bechara.................be----chara....

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  2. [एम्बेडेड कमेण्ट बॉक्स के होते - (कमेंट करने के लिए राइट क्लिक कर नए पेज में खोलें) - शायद जरूरी नहीं।]

    नीचे जा रहा ऊपर लायेगा कौन!

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    1. रि‍डायरेक्‍शन सर्वि‍स के कारण कई बार कमेन्‍ट बॉक्‍स खुलता ही नहीं है इसलि‍ए राइट क्लिक कर नए पेज में खोलना उचि‍त रहता है ☺☺

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  3. साधु साधु ! अपने बारे में इतना पक्का और कौन सोच सकता है :)

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  4. नीचे जा रहा है और गम यह कि देखा भी नहीं जा रहा ...!

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  5. सटीक अवलोकन और उसका प्रकटीकरण!!

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  6. The great economist is hiding behind himself !...I feel pity for him..

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  7. sabhie nachawat rupia gusaien,
    maen kya kar sakat hgoon bhai,
    humon nachat,dollar ki angulin par,
    tumhuon nachawat,apni angulion par,
    maaf karo hum kachu n kar sakat haen bhai,
    sab mil gao bas ram duhaie,ramduhaie.

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  8. आपकी पोस्ट 24/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा - 889:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

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  9. भाई प्रधानमंत्री जी सही सोच रहे हैं
    वैसे अगर रूपया गोल न होकर चौकोर होता तो शायद न लुढकता

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