रविवार, 28 अगस्त 2011

कार्टून:- ...ये दिया घुमा के.


23 टिप्‍पणियां:

  1. क्या दिया घुमा के --आज फिर नहीं दिख रहा ।

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  2. जी हाँ , फायरफोक्स में नहीं खुल रहा । एक्स्प्लोरर में खुल गया ।
    अन्ना की जीत जनतंत्र की जीत है । इसमें किसी की हार नहीं है ।

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  3. क्या मारा है ठपाक से...बिलकुल झन्ना गया मैं !

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  4. घुमा के दिया। देखते हैं प्रस्ताव का स्टेंडिंग कमेटी क्या करती है।

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  5. अभी तो क्लीन बोल्ड, कल का भी देख लेंगे.

    रामराम.

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  6. कौन कहता है चमत्कार नहीं होते! :)

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  7. पिक्चर अभी बाकी है दोस्त। एक नंबर के हैं ये.......

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  8. Asar to nazar aane laga hai....aage,aage dekhte hain kya hota hai!

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  9. काजल जी दि‍माग लगाना पढ़ रहा है चि‍त्र की भाषा समझने में। कमेंट के लि‍ये लाईन दि‍ख रही है : 14 कमेंट करने के लि‍ये राईट क्‍ि‍लक कर नया पेज खोलें...ये काफी मजेदार था।
    पढ़ि‍ये नई कवि‍ता : कवि‍ता का वि‍षय

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  10. शुक्र है !इस बार निशाना नहीं चूका !

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  11. @ Rajey Sha राजे_शा

    इस कार्टून का लुब्बोलवाब बस इतना है सा है कि कल तक हर तरह के अड़ंगे डालने वालों को जनशक्ति किस तरह से रसातल में भेज देती है...अंतत:

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  12. काजल भाई जिनकी हथेली कलाई से उखाड़ ली अन्ना ने वो क्या हमारी भैंस खोल लेंगे ,ये डिब्बे का दूध पीने वाले हमारा कर भी क्या सकतें हैं ,हमने अपनी माँ का दूध पीया है .
    सोमवार, २९ अगस्त २०११
    क्या यही है संसद की सर्वोच्चता ?
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

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  13. संसद भरो अभियान
    टाइमस ऑफ़ इंडिया पर प्रकाशित एक टिपण्णी ने मुझे इतना प्रभावित किया की मैने सोचा की क्यों न में इसे अपने ब्लॉग पर डाल कर इसका प्रसार करूँ? किरण बेदी और ओम पुरीजी ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। हमें दिखाना है की राष्ट्र जग गया है, ईसके लिये हम सब आइये नेताओ को अन्पड, ग्वार, नालायक , दोमुहे, चोर देशद्रोही, गद्दार कहती हुई एक चिठ्ठी लोकसभा स्पीकर को भेजे(इक पोस्टकार्ड ). देखते हैं देश के करोडो लाखो लोगो को सांसद कैसे बुलाते है अपना पक्ष रखने के लिये। यादी इससे और कुछ नहीं हुआ तो भी बिना विसिटर पास के लोक तंत्र के मंदिर संसद को देखने और किरण बेदी के साथ खड़े होने का मौका मिलेगा। और संसद ने सजा भी दे दी तो भी एक उत्तम उद्देश्य के लिये ये जेल भरो होंगा।
    में एक बार फिर ये स्पष्ट कर दू की यह विचार मैने एक टिप्पणी से उठाये हैं पर में इससे १००% सहमत हूँ। कृपया इस विचार को अपने अपने ब्लॉग पर ड़ाल कर प्रसारित करे। आइये राष्ट्र निर्माण में हम अपनी भूमिका निभाये।
    जय हिंद

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