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बहुत दिनों बाद मिले आप उसी पुराने तेवर के साथ......"
ये अभिनव है।
ऊँहूँ...नजर लग जाएगी...बन्दे के गले में नजर-ऊतारू माला भी पहना दें. अभी भी पाँव की ऊँगलियाँ बची हुई है, यानी बच गए किसी ग्रह को निराश होने की जरूरत नहीं. :)
ha-ha-haaaaaaaaho-ho-hoooooooo
nice
....अदभुत!!!
ग्रह नौ और अंगूठियां दस ...ये एक एक्स्ट्रा कहीं आपकी वापसी के भय से तो नहीं ?
बहुत बढ़िया .जितनी समृद्धि उतना भय.-संजय जी की बात पर तो गौर कर करना चाहिये.
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हर जगह नज़र आते हैं ....बहुत अच्छा !
चित्र में हाथ पूरा नहीं दिख रहा - अंगूठे में भी पहन रखी हैं क्या? :)
मेरे ख्याल से तो धपल्ची ही है। :)
बहुत दिनों बाद मिले आप उसी पुराने तेवर के साथ......"
जवाब देंहटाएंये अभिनव है।
जवाब देंहटाएंऊँहूँ...नजर लग जाएगी...बन्दे के गले में नजर-ऊतारू माला भी पहना दें. अभी भी पाँव की ऊँगलियाँ बची हुई है, यानी बच गए किसी ग्रह को निराश होने की जरूरत नहीं. :)
जवाब देंहटाएंha-ha-haaaaaaaa
जवाब देंहटाएंho-ho-hoooooooo
nice
जवाब देंहटाएं....अदभुत!!!
जवाब देंहटाएंग्रह नौ और अंगूठियां दस ...ये एक एक्स्ट्रा कहीं आपकी वापसी के भय से तो नहीं ?
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया .जितनी समृद्धि उतना भय.
जवाब देंहटाएं-संजय जी की बात पर तो गौर कर करना चाहिये.
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जवाब देंहटाएंहर जगह नज़र आते हैं ....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा !
चित्र में हाथ पूरा नहीं दिख रहा - अंगूठे में भी पहन रखी हैं क्या? :)
जवाब देंहटाएंमेरे ख्याल से तो धपल्ची ही है। :)
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