सटीक कार्टून बनाया है निविदा से हो रही हैं जिम्मेदार पदों पर नियुक्तियां हमारी समझ में भी आया है एक पुल को बनाने के लिये कम कीमत पर मिलती है निविदा वहीं बनी चीज को तोड़ने के लिये ज्यादा से ज्यादा देना पड़ता है ऎसा इन निविदाओं का नियम सरकार ने अब बनाया है ।
कौन कहता है ...आजकल किसी में सेवाभाव नही !!!!
जवाब देंहटाएंवाह, अनुभव का लाभ..
जवाब देंहटाएं...मेरा नंबर कब आएगा..?
जवाब देंहटाएंयही बाकी है :)
जवाब देंहटाएंसिर्फ उत्तर प्रदेश ही ??
जवाब देंहटाएंमीडिया से अनुरोध है ..खंगालें देश के बाकि हिस्से भी..
तब तो वहां कफ़न दफ़न के व्यापार का खासा स्कोप है !
जवाब देंहटाएंआखिर यूपी वाले हर काम में जुगाडू है :)
जवाब देंहटाएंडाक्टरों की कमी इस जुगाड़ से पुरी कर लेते है !!
क्या करे हमारे यहाँ प्रतिभा कूट कूट कर जो भरी है |
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट हमें पसंद आई , हमने उसे सहेज़ कर कुछ और मित्र पाठकों के लिए बुलेटिन के एक पन्ने पर पिरो दिया । आप भी आइए और मिलिए कुछ और पोस्टों से , इस टिप्पणी को क्लिक करके आप वहां पहुंच सकते हैं
जवाब देंहटाएंडॉक्टर्स को काम के लिए फुर्सत ही कहाँ है ! :)
जवाब देंहटाएंअरे साहब कहे का हल्ला....... डा. साहब अपने प्राइवेट क्लिनिक में आपरेशन कर रहे होंगें .
जवाब देंहटाएंकई जगह वार्ड बॉय डॉक्टर से ज्यादा अनुभवी होते हैं सर्जरी में :):)
जवाब देंहटाएंयू.पी. में है दम :)
जवाब देंहटाएंकुछ भी हो सकता है.....
जवाब देंहटाएंडाक्टरों कुछ तो शर्म करो
जवाब देंहटाएंअब तो यही होगा ।
जवाब देंहटाएंकितनी भर्तिया बाकी है ? कुछ लोगो से भरवा दें फार्म :)
जवाब देंहटाएंUP KA VIKAS HO RAHA HAE,DRIVER,SWEEPER,CLEANER SAB KO DOCTOR BANA DIYA HAE WAH
जवाब देंहटाएंyahi to ho raha hai ...:)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब :)
जवाब देंहटाएंदेश में चिकित्सा की स्थिति पर बढिया व्यंग्य.
जवाब देंहटाएंSahee kaha aapne...
जवाब देंहटाएंयूपी प्रशासन की जय।
जवाब देंहटाएंऔर पैसे भी बचेंगे....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (16-07-2012) को चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (17-07-2012) को चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
सटीक कार्टून बनाया है
जवाब देंहटाएंनिविदा से हो रही हैं
जिम्मेदार पदों पर नियुक्तियां
हमारी समझ में भी आया है
एक पुल को बनाने के लिये
कम कीमत पर मिलती है निविदा
वहीं बनी चीज को तोड़ने के लिये
ज्यादा से ज्यादा देना पड़ता है
ऎसा इन निविदाओं का नियम
सरकार ने अब बनाया है ।
हा-हा..... आवेदन भी नहीं बल्कि सीधे निविदाएँ (tender) :) !
जवाब देंहटाएंअनुभव के कारण कम से कम तीन प्रोमोशन और होने चाहिए ...
जवाब देंहटाएं*&%^$@*&