देख के नीक लगा। पर बात टशन की है। पुरस्कार से मगज हट गया। सारा का सारा फोकसवा बजन घटाने की तरफ होई गवा। अब अत्ता बजन काहे बढाया ?.... न डाइटिंग से जाई , न ब्लॉगिंग से झुराई।
एक और श्रेणी है खास और आम पुरुस्कारों को बटते खुद के पास रखते एक दूसरे की पीठ खुजाते कही से नाम वापस लेने की होड़ तो कही जितने की होड़ कही समर्थन में होती बहस तो कही उसके खिलाफ होती चर्चा सभी को चुप चाप देखते चले और मजे लेते चले |
"आलसी पुरूस्कार योजना" के अंतर्गत तीन महीने में ब्लॉग ग्रांट उपलब्ध हो जाएगी , "परिकल्पना पुरुस्कार योजना" में ग्रांट वार्षिक हैं . आप को कौन सी ग्रांट चाहिये , क्या अगले कार्टून का थीम ये हो सकता हैं
ना काहू से दोस्ती
जवाब देंहटाएंन काहू से बैर
अपन तो यही बाला है जी
आप जो समझते हो समझा करिये
waise muccho se kam se kam ek blogger ka shinakht to maine kar hi liya :)
जवाब देंहटाएंहम तो आपके साथ वाले ब्लॉगर हैं। इंद्रनील जी ने तो शिनाख्त भी कर ली। :))
जवाब देंहटाएंबड़ी सार्थक चर्चा..
जवाब देंहटाएंहम तो हर हाल में खुश होने वाले हैं जी !
जवाब देंहटाएंएक-दू ठो महिला बिलागर का फोटुआ भी डालिए ना, तब तो चीन्हेंगे।
जवाब देंहटाएंजरा अब देखिए तो ☺
हटाएंई मोटकी को हम चीन्ह लिया। हमरा फोटुआ .
हटाएंदेख के नीक लगा। पर बात टशन की है। पुरस्कार से मगज हट गया। सारा का सारा फोकसवा बजन घटाने की तरफ होई गवा। अब अत्ता बजन काहे बढाया ?.... न डाइटिंग से जाई , न ब्लॉगिंग से झुराई।
.
:))
हटाएंहम भी जा रहे हैं चर्चा करने।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सार्थक चर्चा,,,,
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,
एक और श्रेणी है खास और आम पुरुस्कारों को बटते खुद के पास रखते एक दूसरे की पीठ खुजाते कही से नाम वापस लेने की होड़ तो कही जितने की होड़ कही समर्थन में होती बहस तो कही उसके खिलाफ होती चर्चा सभी को चुप चाप देखते चले और मजे लेते चले |
जवाब देंहटाएंसही शब्द तो पुरस्कृत है और पुरस्कृत होना अच्छी बात है।
जवाब देंहटाएंमगर यह तो बताइए कि आप इनमें से कौन से ब्लॉगर हैं?
त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए आभार. सुधार कर दिया है ☺
जवाब देंहटाएं"आलसी पुरूस्कार योजना" के अंतर्गत तीन महीने में ब्लॉग ग्रांट उपलब्ध हो जाएगी , "परिकल्पना पुरुस्कार योजना" में ग्रांट वार्षिक हैं . आप को कौन सी ग्रांट चाहिये , क्या अगले कार्टून का थीम ये हो सकता हैं
जवाब देंहटाएंअली सैय्यद Via इमेल
जवाब देंहटाएंजिस तरह से आयोजन और उसपे ब्लागरीय बहस को आपने बाहर रह कर देखा / जाना /
खाका खींचा है बस अपना भी वही हाल है :)
Himaanshu Via ट्विट्टर
जवाब देंहटाएं@kajalkumar बतरस में! मज़ेदार कार्टून।
(मित्रों ने बताया है कि मेरा ब्लॉग मैलवेयर की सूचना दे रहा है. जी देखता हूं.)
लग रहा है इस विषय पर हमें भी बकवास करनी ही पड़ेगी.
जवाब देंहटाएंतो ये कार्टून..ब्लॉग जगत को समर्पित..:)
जवाब देंहटाएंबढ़िया है
बहुत खूब...
जवाब देंहटाएंहमारी श्रेणी इसी से समझिए कि आजकल आयोजक लोग फोन ही नहीं उठा रहे हमारा!
जवाब देंहटाएंमैं हिंदी ब्लॉगरों में से एक हूँ. इतना काफी है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंदोनों हाथ ऊपर कर आत्म समर्पण करते हमीं नज़र आ रहें है , बकैत ब्लागरों के आगे |
जवाब देंहटाएंभूषण अंकल की बात से सहमत हूँ। :-) बाक़ी तो जो दे उसका भी भला जो ना दे उसका भी भला ....
जवाब देंहटाएंकाजल कुमार को ऐसे आडियाज़ न दीजिए, वे इस पर एक ग़रीब ब्लॉगर का कार्टून बना देंगे जिसका शीर्षक होगा- टिप्पणी दे-दे दीपक बाबा :))
हटाएं☺☺☺
हटाएंचलिए इस आयोजन ने सोचने पर मजबूर तो किया . :)
जवाब देंहटाएंअजी हमें ब्लोगर ही रहने दो कोई नाम न दो ,
जवाब देंहटाएंपुरस्कार दे के हमें ,दुश्मनी का जाम न दो ,
काम को काम ही रहने दो इनाम न दो .
बहर सूरत अच्छा खोद के लाये हैं सिन्धु घाटी की सभ्यता के अवशेष .
क्या ये तमाम ब्लोगिये वैटिकन सिटी के वासी हैं जहां उर्वशियों का नामो -निशाँ नहीं है .
पीला कुर्ता और काले झोले वाले तो अन्नाबाबा हैं।
जवाब देंहटाएं:):) बहुत बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंBadhiya hai....
जवाब देंहटाएंब्लॉगर के बस दो प्रकार
जवाब देंहटाएंदाता या पाता पुरस्कार?
'one of your best cartoons'
जवाब देंहटाएंमजा आ गया काजल भाई|
आप चाहते ही नहीं कि कार्टून श्रेणी में कोई कम्पीटिशन रहे। गलत बात है।
जवाब देंहटाएंआपत्ती पर जील की, इक फोटो दी डाल ।
जवाब देंहटाएंतैंतिस प्रतिशत कीजिए, करिए नहीं बवाल ।
करिए नहीं बवाल, बड़ी संख्या है भाई ।
घोटूं मुँह में राल, नजर रविकर ललचाई ।
जौ-जौ आगर ब्लॉग, बड़े सब रत्ती-रत्ती ।
पुरस्कार पा जाय, उन्हें फिर क्या आपत्ती ??
स्त्री की फोटू देख जिया रविकर ललचाया,
हटाएंया पुरस्कार को भांप राल उसके मुँह आया!
Dinesh (Ravikar) ji, I am mesmerized by your poetic skills.
हटाएंअभी तलक मन भावन फोटू, कार्टून न पाया |
जवाब देंहटाएंपुरस्कार की खातिर रविकर, मन नादाँ ललचाया ||
हमको तो सारे ही हमारे रूप दिख रहे हैं. होसला अफ़्जाई के लिये धन्यवाद.:
जवाब देंहटाएंरामराम.)
पुन: स्वागत है आपका ☺☺☺
हटाएंबहुत बढ़िया....
जवाब देंहटाएंमजेदार....
:-)
ha ha ha ha ha ha इस कार्टून के बाद तो ...हम अपने आप को हर श्रेणी में देख रहे हैं ...आईने के सामने खुद की तस्वीर...वाह जी मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंओह जी
जवाब देंहटाएंकाजल भाई,तुसी भी कमाल कर दित्ते हो.
Badhiya!
जवाब देंहटाएंये क्या है भाई? पुरुस्कार ..? माने?
जवाब देंहटाएंख्याल बहुत सुन्दर है और निभाया भी है आपने उस हेतु बधाई,
जवाब देंहटाएं