दीवारे शोचालय पे लिखा था कि आई लव यू, नीचे ही उसके पोस्टर कोई लगा गया, लिक्खा हुआ था उसपे "भ्रष्टाचार मिटाओ". आकर के कोई उसका 'मिटाओ' मिटा गया. http://aatm-manthan.com
काजल भाई, आपके कार्टून फीड के माध्यम से पड़ता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से आपकी कार्टून की फीड में सिर्फ आपके ब्लॉग का एड्रेस आ रहा है. आपने फीड में यह समस्या मेरे साथ ही है या अन्य को भी आ रही है ??
इस कार्टून प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की जा रही है! आपके ब्लॉग पर अधिक से अधिक पाठक पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
@ GYANDUTT PANDEY आपने ध्यान दिलाया तो मैंने पाया कि ये तो बहुत सारे कमेंट स्पैम किया बैठा था... अब जा के उन सभी को आज़ाद किया है :) जबकि मैंने कभी माडरेशन का इस्तेमाल ही नहीं किया.
हां-हा-हा.... मुझे याद आ रहा है करीब १२ साल पुराना एक वाकिया ! आर बी आई में एक फोरेंन रिमिटेंस के सिलसिले में काम था ! फर्स्ट फ्लोर पर जिस कलर्क से काम पडा उसकी आवाभगत करने की बात उसने कही ! पहले तो काफी बहस हुई फिर मान गया मैं ! पूछा दे दूं ? बोला ऊपर बाथरूम में चलो यहाँ कैमरे लगे है !
पहले शौचालय तो बना लें... इसका भी पैसा हज़म कर लिया तो??????????
जवाब देंहटाएंHa,ha,ha....bhrashtachar to lailaaj rog hai.
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार अंतत: वहीं पे बाहर आता है जहां वे नारे लिखवाने की सोच रहे हैं ! बाकी जगह छुप के रहता है तो पकड़ेंगे कैसे ? दूर की सोच :)
जवाब देंहटाएंये देश फड़कते नारो का!
जवाब देंहटाएंइस देश का यारों क्या कहना!
ये देश है चोरों का गहना!
सोचालय से शौचालय तक ...हा हा
जवाब देंहटाएंबिलकुल, एक शपथ और सही, एक दीवार और सही.
जवाब देंहटाएंनारे तो लिख ही जायेंगे भ्रष्टाचार मिटे या ना मिटे :):)
जवाब देंहटाएंभ्रष्ट हम हैं,नष्ट तुम हो :-)
जवाब देंहटाएंचेतना तो ऐसे ही फैलेगी।
जवाब देंहटाएंमोबाइल से लिनक्स जोडने के बारे में प्लीज विस्तार से बतायें.
जवाब देंहटाएंशायद कुछ मनचले ही सुधर जाएँ !
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार तो मौजूदा व्यवस्था के लिए आक्सीजन है। वह समाप्त हो जाए तो उस का क्या होगा?
जवाब देंहटाएं32 रुपए प्रतिदिन की आय वाले आदमी के लिए शौचालयों की फीस का एक रुपया भ्रष्टाचार से कम नहीं है.
जवाब देंहटाएंदीवारे शोचालय पे लिखा था कि आई लव यू,
जवाब देंहटाएंनीचे ही उसके पोस्टर कोई लगा गया,
लिक्खा हुआ था उसपे "भ्रष्टाचार मिटाओ".
आकर के कोई उसका 'मिटाओ' मिटा गया.
http://aatm-manthan.com
हमारा कमेण्ट गया स्पैम में?
जवाब देंहटाएंकाजल भाई, आपके कार्टून फीड के माध्यम से पड़ता था लेकिन पिछले कुछ दिनों से आपकी कार्टून की फीड में सिर्फ आपके ब्लॉग का एड्रेस आ रहा है. आपने फीड में यह समस्या मेरे साथ ही है या अन्य को भी आ रही है ??
जवाब देंहटाएंहा हा हा ...एकदम सही.
जवाब देंहटाएंसुनील कुमार जी कि बात से सहमत हूँ
जवाब देंहटाएंइस कार्टून प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की जा रही है! आपके ब्लॉग पर अधिक से अधिक पाठक पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
जवाब देंहटाएं@ GYANDUTT PANDEY
जवाब देंहटाएंआपने ध्यान दिलाया तो मैंने पाया कि ये तो बहुत सारे कमेंट स्पैम किया बैठा था... अब जा के उन सभी को आज़ाद किया है :) जबकि मैंने कभी माडरेशन का इस्तेमाल ही नहीं किया.
निरा ऊत है ये.
हां-हा-हा.... मुझे याद आ रहा है करीब १२ साल पुराना एक वाकिया ! आर बी आई में एक फोरेंन रिमिटेंस के सिलसिले में काम था ! फर्स्ट फ्लोर पर जिस कलर्क से काम पडा उसकी आवाभगत करने की बात उसने कही ! पहले तो काफी बहस हुई फिर मान गया मैं ! पूछा दे दूं ? बोला ऊपर बाथरूम में चलो यहाँ कैमरे लगे है !
जवाब देंहटाएंhaan kam se kam naare to likhwa hi sakte hain... aakhir uska bhi to tender niklega na!!!
जवाब देंहटाएंइससे शौचालय का सही उपयोग भी हो जाएगा और सोचालय का माध्यम भी बनेगा , बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएं:)))
जवाब देंहटाएंबहुत सही सर!
hahahahhaaha.....sahi hai
जवाब देंहटाएंसही ..:)
जवाब देंहटाएंनारे लिखवाने का ठेका देने में भी पैसे खाये जायेंगे।
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