सोमवार, 7 नवंबर 2011

कार्टून:- मेरी छोड़ो, मेरी तो बात ही कुछ और है


16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सही!
    चर्चा मंच पर कल मंगलवार को इसे भी ले लिया है!

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  2. किताब का नाम होना चाहिए, ''अन्‍ना-‍दिग्विजय संवाद''।

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  3. किताब तो दूसरे लिखेंगे, अभी तो इन्हें खिताब दिए जा रहे हैं :)

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  4. हाँ, यही ठीक रहेगा! बल्कि उसे थीसिस कहकर पीएचडी भी कर लें तो बाम की बाम और झंडू के दाम वाला मुहावरा भी सच हो जाएगा

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  5. ...बाम का बाम और झंडू के दाम...
    हा हा हा
    अच्छा लगा.

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  6. भावी पुस्तक भारतीय अज्ञानपीठ पुरस्कार के लिये एडवांस में नामित!

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  7. उसे पढ़ेगा कौन, कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं को ही झेलनी पड़ेगी।

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